अंतर्राष्ट्रीय

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अबूधाबी में वैश्विक प्रौद्योगिकी स्टार्टअप ईको प्रणाली केन्द्र- हब-71 का दौरा किया

आबूधाबी- केन्‍द्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने आबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री महामहिम शेख अब्दुल्ला बिन जायद से मुलाकात की, शेख जायद ने धर्मेन्‍द्र प्रधान का गर्मजोशी से स्वागत किया, और भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात के बीच मजबूत और स्थायी संबंधों पर जोर दिया गया।

संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री के साथ अपनी बैठक के दौरान, धर्मेन्‍द्र प्रधान ने दोनों देशों की बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने तथा आगे बढ़ाने पर सार्थक चर्चा की। बैठक में भारत और यूएई के बीच लंबे समय से चले आ रहे स्थायी मैत्री संबंधों के साथ-साथ मजबूत व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर प्रमुखता से ध्‍यान केन्द्रित किया गया, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र पर विशेष जोर देने के साथ सहयोग के अवसरों की खोज सहित विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

धर्मेन्द्र प्रधान ने प्रारंभिक शिक्षा राज्य मंत्री और अध्यक्ष सारा मुसल्लम के साथ भी बातचीत की और आईआईटी दिल्ली-आबू धाबी के अंतरिम कैम्‍पस का दौरा किया। धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि ऊर्जा रूपांतरण और निरन्‍तरता पर पहला स्‍नातकोत्‍तर पाठ्यक्रम जनवरी 2024 में आईआईटी दिल्ली-आबू धाबी परिसर में शुरू होगा। धर्मेन्‍द्र प्रधान ने आईआईटी दिल्ली-आबू धाबी परिसर को सहायता देने के लिए सारा मुसल्लम और आबू धाबी नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली-आबू धाबी परिसर भारत-यूएई दोस्ती का एक प्रतिरूप होगा।

जायद विश्वविद्यालय स्थित आईआईटी दिल्ली-आबू धाबी के अंतरिम कैम्‍पस के दौरे के दौरान, धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि यह हमारे दोनों देशों के नेतृत्व के साझे विजन और प्राथमिकताओं का साक्षी है। आईआईटी दिल्ली-आबू धाबी परिसर भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि इससे आपसी समृद्धि और वैश्विक कल्याण के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के ढेर सारे अवसर खुलेंगे।

मंत्री ने हब71 का भी दौरा किया और इसे अन्वेषकों, उद्यमियों और निवेशकों का एक जीवंत समुदाय बताया जो एक स्थायी और समृद्ध भविष्य को आकार देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने उद्योग भागीदारों, कॉरपोरेट्स, निवेशकों, सलाहकारों के साथ-साथ सरकारी नियामकों पर प्रकाश डाला जो उद्यम की भावना को पोषित करने और स्टार्ट-अप को तेजी से बढ़ने में मदद करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि संपूर्ण समाज के दृष्टिकोण के साथ इस तरह के समन्वित और सक्षम इकोसिस्‍टम किसी देश की पूर्ण उद्यमशीलता और नवीन क्षमता को साकार करने की कुंजी हैं। यात्रा के दौरान, मंत्री ने स्टार्टअप्स, निवेशकों और तकनीकी इकोसिस्‍टम के अन्य हितधारकों से मुलाकात की। उन्होंने तकनीकी क्षेत्र में भारत और यूएई के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की।

मंत्री महोदय की यूएई यात्रा से शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, जो हाल के वर्षों में दोनों पक्षों की संस्थागत साझेदारी के माध्यम से मजबूत हुआ है। इस यात्रा से ऐसी नई पहलों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है जिससे दोनों देशों को लाभ होगा।

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