मध्य प्रदेश

कांग्रेस के नेता, नीति और नीयत से कार्यकर्ता खुश नहीं, हमारे पास तो आएंगे ही- कैलाश विजयवर्गीय

कांग्रेसियों ने भी उनके नेताओं की विचारधारा को देख लिया है। वे खुद इच्छा जताकर हमारे पास आ रहे हैं।

अनोखा तीर:-अपने बेबाक बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश भर में दौरे कर रहे हैं। मालवा-निमाड़ क्षेत्र की सीटों के साथ ही वे छिंदवाड़ा सहित कांग्रेस के प्रभाव वाली सीटों की घेराबंदी में जुटे हैं।

बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल किए जाने के अभियान को भी वे सही ठहराते हुए कहते हैं कांग्रेसी अपने नेतृत्व से निराश हैं। जब पूरा देश श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से हर्षित हो और कांग्रेस नेतृत्व निमंत्रण मिलने के बाद भी आयोजन में नहीं जाए तो विचारवान कांग्रेसियों में निराशा होगी है। ऐसी स्थिति में वे कहीं तो जाएंगे ही, तो अच्छा है भाजपा के साथ जुड़कर ही देशसेवा के कार्य में जुटें। लोकसभा चुनाव से जुड़े ऐसे कई मुद्दों पर मंत्री विजयवर्गीय ने नईदुनिया से चर्चा की। प्रस्तुत है चर्चा के प्रमुख अंश।

प्रश्न- विधानसभा चुनाव के ‘सेमीफाइनल’ में बड़ी जीत के बाद लोकसभा चुनाव का फाइनल सामने हैं? विपक्ष के भी अपने दावे हैं? आप इसे कैसे देखते हैं?
उत्तर- देखिए विपक्ष की स्थिति क्या है ये सभी देख ही रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास, गरीब कल्याण योजनाओं, किसानों के सशक्तिकरण के लिए बनी योजनाओं और बेरोजगारों को रोजगार देने की योजनाओं से समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा है। समाज के हर वर्ग को कहीं न कहीं लाभ मिला है और उसका जीवन स्तर सुधरा है। इसीलिए देश उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। मध्य प्रदेश में तो डबल इंजन की सरकार है तो लाभ ज्यादा मिलना तय है। डा. मोहन यादव की कुशल प्रशासनिक क्षमता के साथ केंद्र की योजनाओं का साथ है ही। हम प्रदेश की 29 में से 29 सीटें जीत रहे हैं।
प्रश्न- इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भाजपा में ले रहे हैं, भाजपा का मूल कार्यकर्ता इससे विचलित और दुखी है?
उत्तर- यह सही है कि बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं को भाजपा में शामिल किए जाने से कुछ भाजपा कार्यकर्ता विचलित हो सकते हैं। लेकिन इसका दूसरा पहलू भी देखिए। कांग्रेस कार्यकता अपने नेतृत्व से बेहद निराश हैं। वे किसी न किसी दल में तो वैसे भी जाएंगे ही तो क्यों न भाजपा के साथ जुड़कर देशसेवा करें। यूं भी भाजपा अपने पुराने कार्यकर्ताओं को पूरा ध्यान रखती है। पुराने कार्यकर्ताओं के अस्तित्व को कभी नुकसान नहीं पहुंचेगा।
प्रश्न- कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने सीएम हाउस को ‘भाजपा ज्वाइनिंग कार्यालय ’ बना दिया है। चुनाव आयोग तक शिकायत की है?
उत्तर- न कांग्रेस की नीयत में दम है न आरोपो में। बड़ी संख्या में कांग्रेसी भाजपा में आना चाहते हैं, लेकिन धंधेबाज लोगों को हम लेना नहीं चाहते। कांग्रेस के नेता, नीति और नीयत तीनों से ही उनके कार्यकर्ता खुश नहीं हैं। वे खुद इच्छा जताकर हमारे पास आ रहे हैं।
प्रश्न- आप मालवा-निमाड़ छोड़कर छिंदवाड़ा पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं ?
उत्तर- मैं मालवा-निमाड़ में भी लगातार सक्रिय हूं, लेकिन छिंदवाड़ा पर भी विशेष फोकस है। जब वहां से कमलनाथ जी सांसद थे तब तक बात अलग थी लेकिन जब से नकुल नाथ मैदान में है उनके प्रति लोगों में बहुत गुस्सा है। जीतने के बाद न क्षेत्र में गए न विकास किया। हमें वहां ज्यादा कुछ करने की जरुरत ही नहीं है। नकुलनाथ के खिलाफ एंटीइंकम्बेंसी ही हमें हमें जीत दिलाएगी। छिंदवाड़ा हम अच्छे अंतर से जीतेंगे।
प्रश्न- आदिवासी मतदाता बहुल सीटें भाजपा के लिए हमेशा मुश्किल रही हैं। इस चुनाव में भाजपा की स्थिति को कैसे देखते हैं?
उत्तर- अब स्थिति ऐसी नहीं है। आदिवासी भाइयों में भी भाजपा के प्रति अनुराग है। एक घर भी अब ऐसा नहीं मिलेगा जहां प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी की योजना का लाभ नहीं पहुंचा हो। चाहे आदिवासी नेताओं के सम्मान की बात हो या उस समाज को नेतृत्व देना हो भाजपा ने हमेशा इनका ध्यान रखा है।
प्रश्न- आप इंदौर लोकसभा सीट पर आठ लाख वोटों से जीत का दावा कर रहे हैं, कांग्रेस के परंपरागत वोटों के बीच यह लक्ष्य संभव होगा?
उत्तर- मैंने पहले भी कहा इंदौर में हम काफी बड़े अंतर से जीतेंगे। कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक अब है कहां? उनके कई नेता भाजपा में आ ही चुके हैं। कांग्रेसियों ने भी उनके नेताओं की विचारधारा को देख ही लिया है। इसलिए लक्ष्य मुश्किल नहीं है।
प्रश्न- पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव मैदान में है और अपने क्षेत्र से भाजपा के खिलाफ 400 उम्मीदवार उतारने की बात कह रहे हैं?
उत्तर- दिग्विजय सिंह जब दस साल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कुछ नहीं किया तो अब क्या कर पाएंगे। उनके क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं तक भाजपा सरकार आने के बाद पहुंची। भाजपा उन्हें पांच लाख से ज्यादा वोटों से हराएगी।

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