अनोखा तीर, हरदा। हरदा-छीपानेर रोड पर सुबह से लेकर शाम तक फर्राटा भरते वाहनों से पैदल चलने वाले यात्रियों को जरा भी राहत नहीं है। एक तो यहां पर यातायात का भारी दबाव है और उस पर तेज रफ्तार से चलने वाली गाड़ियां से आमजन को सड़क पार करना तो दूर, सड़क के किनारे सुरक्षित चलना भी काफी मुश्किल है। इस रोड पर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर उत्कृष्ट विद्यालय और महात्मा गांधी स्कूल के पास तथा अस्पताल के समीप हालात सर्वाधिक विकट हैं। यहां स्कूल लगने और छुट्टी के समय बच्चों के निकलने दौरान रोड पर किसी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। वहीं अन्य रोड पर अस्पताल से आने-जाने वालों का भी तांता लगा रहता है। इसे देखते हुए पूर्व में यहां स्पीड-ब्रेकर बनवाए गए थे। इसके नतीजन यहां से गुजरने वाले वाहनों की गति कुछ थमी थी। मगर कुछ दिनों पूर्व ये गति-अवरोधक अचानक उखाड़ दिए गए हैं। इससे हालात पहले की तरह जस के तस हो गए हैं।
रोड के दोनों ओर गहरी नालियों से खतरा
हरदा शहर में कुछ मार्ग ऐसे हैं जिन पर एक ओर अथवा दोनों ओर गहरी नालियां होने से पदयात्रियों को सदैव गिरने का खतरा बना रहता है। इसमें छीपानेर रोड पर स्थानीय जिला चिकित्सालय से नेहरू स्टेडियम तक मार्ग के दोनों ओर गहरी नालियां हैं। इस रोड से गुजरने वाले पदयात्रियों को वाहनों का झपट्टा लगने पर असंतुलित होकर नाली में गिरने की आशंका बनी रहती है। इसी प्रकार जिला पंचायत के सामने भी रोड काफी व्यस्त है। इसके एक तरफ गहरी नाली होने से पदयात्रियों को नाली में गिरने की आशंका बनी रहती है।
नाली पर स्लैब बनाने से मिलेगी जगह
यदि नगर निकाय इन नालों और नाली के ऊपर ऊंचा स्लैब बना दे तो लोगों को इस पर पैदल चलने की सुविधा मिल सकती है। इन नालों और नालियों की सफाई के लिए निकाय कुछ-कुछ अंतराल पर ढक्कन भी लगा सकता है। इससे इनकी सफाई भी समय-समय पर होती रहेगी और आमजन को सुरक्षित चलने के लिए सुविधा मिलेगी।