पेटलावद हादसे से सबक नहीं, खंडवा में जिलेटिन राॅड के स्टाॅक की नहीं होती जांच
खंडवा में जिलेटिन राॅड की जांच नहीं की जा रही है। जिससे इसका उपयोग बढ़ रहा है।
अनोखा तीर खंडवा:-पड़ोसी जिले हरदा में ब्लास्ट हुआ तो खंडवा में गैस और पटाखा दुकानों की जांच शुरु हो गई। लेकिन कई ज्वलनशील पदार्थ ऐसे है जिनका उपयोग खुलेआम हो रहा है लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं है। व्यापारी पटाखों का घरों में भी स्टाक कर दुकान से बेचते हैं, अवैध गैस रिफलिंग चल रही है। इसके साथ ही जिलेटिन रॉड्स की जांच लंबे समय से बंद है।
लंबे समय से बंद है जांच
उल्लेखनीय है कि झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील में जिलेटिन राॅड के स्टाॅक के कारण ही बड़ा ब्लास्ट हुआ था। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जाने गवां दी थी।इस हादसे के बाद कुछ समय के लिए खंडवा जिले में जांच शुरू हुई। लाइसेंसधारियों के स्टाॅक का ब्यौरा रखने को कहा गया था। लेकिन लंबे समय से इसकी भी जांच बंद है। लेकिन इसका उपयोग बढ़ रहा है।
राजस्थान के है अधिकांश ठेकेदार
बता दें जिलेटिन राॅड से कुआं खोदने के लिए ब्लास्ट, पहाड़ों को काटने और खदानों में ब्लास्टिंग के लिए किया जाता है।इसके अलावा भी पुल-पुलिया आदि के निर्माण में भी इसका प्रयोग होता है। जिले में जिलेटिन से काम करने वाली अधिकांश ठेकेदार राजस्थान के है। जो पिछले कई वर्षों से जिले में आकर गांव-गांव जमे है। इन पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने से इनका धंधा फल-फूल रहा है।