खंडवाखरगोन

मंडी में मोटी सौंफ की बंपर आवक, नहीं मिले भाव, किसान हजारों बोरी वापस लेकर गए

देवास जिले के पंचकुआ के किसान भुंडियासिंह ने बताया कि हमारे क्षेत्र में सौंफ की मंडी नहीं है। उन्होंने दो बीगा जमीन में सौंफ उगाई थी।

अनोखा तीर बड़वानी। सौंफ के लिए प्रसिद्ध शहर स्थित मंडी में इस बार जिले सहित मालवा-निमाड़ के जिलों से बड़ी संख्या में किसान उपज बेचने पहुंचे। व्यापारियों के अनुसार मंडी में पहली बार करीब 4 हजार बोरी सौंफ की आवक रही। हालांकि अधिकांश सौंफ की क्वालिटी मोटी और मावठे से प्रभावित होने से भाव नहीं मिले। ऐसे में बड़ी संख्या में किसान हजारों बोरी उपज वापस लेकर गए।

मंडी में बंपर आवक के चलते खासी रौनक नजर आई। पूरा परिसर सौंफ के ढेर, फुटकर दुकानों और वाहनों की पार्किंग से पट गया। परिसर के कोने-कोने में किसान सौंफ की बोरियां व ढेर लगाकर बिक्री का इंतजार करते नजर आए। इस दौरान बड़वानी सहित धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन से लेकर इंदौर, उज्जैन व देवास तक के किसान अपनी उपज बेचने पहुंचे।

हालांकि अधिकांश उपज मोटी सौंफ की रही। जिसका भाव 50 रुपए से अधिक नहीं मिला। ऐेसे में पिकअप वाहनों में हजारों रुपए परिवहन खर्च कर बेहतर भाव के लिए मंडी में आए किसान मायूस होकर लौटे। वहीं व्यापारियों का तर्क रहा कि मोटी और मावठे से सीलन वाली सौंफ की खरीदी न के बराबर मांग होती है। ऐसे में इसका भाव अधिकतम 50 रुपए किलो से अधिक नहीं दे सकते।

बार-बार लगता रहा जाम

सीजन में प्रत्येक रविवार लगने वाली मंडी में परिसर के अंदर के साथ ही अब बाहर मार्ग के दोनों और सैकड़ों दुकानें लगने लगी है। मंडी गेट से लेकर गोधूली के सामने तक मिर्च, मसाले सहित सब्जी, भाजी, फल, ठंडाई, रेडिमेट आदि की दुकानें रोड से छूकर लगी। इससे बड़वानी-राजघाट मार्ग पर दिन में पल-पल जाम के हालात बनते रहे। वहीं निजी अस्पताल होने से लोगों को परिवहन में खासी दिक्कतें आई।

देवास जिले के पंचकुआ के किसान भुंडियासिंह ने बताया कि हमारे क्षेत्र में सौंफ की मंडी नहीं है। उन्होंने दो बीगा जमीन में सौंफ उगाई थी। बीते माहों में मावठे से उपज प्रभावित होकर मोटी क्वालिटी में निकली है। लंबी दूरी तय कर बड़वानी उपज बेचने आए हैं, लेकिन यहां मोटी सौंफ 50 रुपए किलो से अधिक में कोई खरीदार नहीं है। ऐसे में सौंफ भरी बोरियां वापस ले जाएंगे।

धार जिले के भाग्यापुर के भूरू सिंग ने बताया कि धार जिलेे की मंडियों के मुकाबले बड़वानी में सौंफ का अच्छा भाव मिलने की आस में उपज लेकर आए हैं, लेकिन यहां मोटी सौंफ का कोई खरीदार नहीं है। व्यापारी मोटी सौंफ पानी के मोल मांगते है। दूर से आने वाले किसानों को उपज का सही दाम मिले, प्रशासन ने यह व्यवस्था करना चाहिए।

क्वालिटी अनुसार तय होते हैं भाव

व्यापारी धन्नालाल राठौर ने बताया कि इस रविवार सीजन की सबसे अधिक आवक रही। करीब 4 हजार बोरी सौंफ बिकने आई थी। उसमें अधिकांश सौंफ मोटी और मावठे से प्रभावित थी। जिसका उच्च स्तर पर कोई दाम नहीं मिलता। व्यापारी उपज की क्वालिटी अनुसार ही दाम देता है। आज मंडी में आई सौंफ 50 से लेकर 220 रुपए किलो तक बिकी। बारिक सौंफ के भाव बेहतर रहे।

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