समलैंगिकों को विवाह अधिकार देने का विरोध, सामाजिक संगठनों ने सौंपे ज्ञापन
अनोखा तीर, हरदा। गुरुवार को सामाजिक संगठनों ने समलैंगिक विवाह के विरोध में जिलाधीश के नाम ज्ञापन सौंपे। धर्म जागरण मंच से जुड़े श्याम शर्मा ने कहा कि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिक व्यक्तियों के विवाह के अधिकार को विधि मान्यता देने का निर्णय लेने में बहुत तत्परता दिखाई है। समाज की उत्पत्ति, विकास बिना स्त्री पुरुष के संभव नहीं है। इसलिए स्त्री पुरुष के वैवाहिक संबंध को धार्मिक व सामाजिक कहा जाता है। सनातन संस्कृति में विवाह केवल यौन सुख के लिए नहीं अपितु सामाजिक जिम्मेदारी निभाना भी होता है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर दिखाई जा रही आतुरता पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि हम समाज के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अपील करते हैं कि ऐसा कोई कानून न लेकर आए जिससे भारतीय समाज विघटन की तरफ जाए। ऐसे कई दुष्परिणाम और दुष्प्रभाव आने वाली पीढ़ियों को भुगतने पड़ेंगे। जिसे लेकर सामाजिक संगठनों के द्वारा विरोध दर्ज कराया गया है। ज्ञापन सौंपते समय जिला पंचायत उपाध्यक्ष दर्शन सिंह गहलोद, घनश्याम सोमानी, सुभाष शुक्ला, डॉ. संजय शर्मा, भाजपा विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सुदीप मिश्रा, गोपाल जगनवार, उपाध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा, दिनेश प्रजापति, प्रकाश पाराशर, शैलेंद्र राजपूत सहित वकील मौजूद थे।