हरदा

प्रशासनिक संरक्षण के चलते भयाभय हादसे की नौबत : दिग्विजय

- पूर्व मुख्यमंत्री ने की न्यायिक जांच की मांग

हरदा पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री, पीड़ितों से की मुलाकात, मीडिया से बोले…

 

बैरागढ़ स्थित पटाका फैक्ट्री में बारूद के धमाकों ने जहां पूरे शहर को दहला दिया, वहीं दर्जनभर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इतना ही नही, बारूदी धमाकों की जद में आने से कई परिवारों की बसी बसाई दुनिया उजड़ गई है। इस मुद्दे को हरदा विधायक डॉ आरके दोगने ने विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाया है। इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हरदा पहुंचे। इस दौरान पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। वहीं घटनास्थल को करीब से देखने के साथ ही धमाकों की वजह से क्षतिग्रस्त हुए मकानों को भी देखा।  

 

अनोखा तीर, हरदा। शहर के आबादी क्षेत्र बैरागढ़ में पटाका फेक्ट्री में भयाभक विस्फोट की जद में आने से जहां दर्जनभर लोग काल के गाल में समां गए। वहीं फेक्ट्री के आसपास बने पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिसके चलते कई परिवारों की बसी बसाई दुनिया उजड़ गई है। मुख्यालय पर हदय विदारक हादसे की गूंज विधानसभा में भी उठ चुकी है। इसके बाद से शासन-प्रशासन का सख्त रूख नजर आ रहा है। इसी कड़ी में रविवार को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हरदा का दौरा किया। करीब पौने चार बजे हरदा पहुंचे श्री सिंह का काफिला खंडवा रोड स्थित आईटीआई कॉलेज पहुंचा। जहां अस्थायी आश्रय केन्द्र पर पीड़ित परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। इसके बाद श्री सिंह घटनास्थल की तरफ बढ़े। यहां पहले से मौजूद जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने बेरिकेट्स लगा रखे थे। इस दौरान श्री सिंह को अंदर जाने से रोक दिया। लेकिन, कलेकटर आदित्य सिंह से मोबाइल पर चर्चा करने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री सिंह के साथ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक आरके दोगने, किसान नेता केदार सिरोही, अवनि बंसल, अहद खान एवं पीड़ित परिवार के लोग शामिल रहे।

परिवारजनों को दी सांत्वना

हरदा आए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के घर भी पहुंचे। सबसे पहले रहटॉखुर्द उसके बाद शहरी क्षेत्र में पीड़ित परिवार के बीच पहुंचे। वहीं परिवारजनों को ढ़ांढस बंधाया।

प्रवेश को लेकर हुईनोकझोंक

इससे पहले घटनास्थल के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री समेत अन्य कांग्रेसजनों को पुलिस बल ने रोक दिया था। इस दौरान प्रवेश को लेकर नोकझोंक भी हुई। हांलाकि, कलेक्टर के निर्देश पर उन्हें अंदर जाने दिया।

—-न्यूज इन बाक्स—-

पीड़ितों से मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंनें पूरे घटनाक्रम में प्रशासन को आड़े हाथों लिया। कहा कि शहर के आबादी क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर पटाकों का निर्माण कार्य स्वत: कई सवालों को जन्म देता है। उस पर नियम-कायदों को ताक पर रखना शामिल है। क्योंकि, प्रशासन की नाक के नीचे बारूद का खेल चल रहा था, जो स्पष्ट करता है कि फेक्ट्री संचालक को प्रशासन का मौन संरक्षण प्राप्त था। श्री सिंह ने एक अन्य सवाल के जबाव में कहा कि प्रशासन द्वारा सील की गई फेक्ट्री को स्टे मिल गया। जिसकी आड़ में बारूदी खेल ने फिर जोर पकड़ लिया। उसके बाद जिम्मेदारों ने पलटकर देखा तक नही, जो आज भयानक हादसे में तब्दील हो गया। जिसके चलते कई परिवारों की उम्मीदें बेपटरी हो गई हैं। उन्होंनें आरोप लगाया कि प्रशासनिक संरक्षण केचलते हरदा में इतने भयानक हादसे की नौबत बनी है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री सिंह ने पूरे मामले की न्यायिक जांच कराए जाने की बात पर भी जोर दिया। साथ ही बेघर हो चुके परिवारों के लिये समुचित व्यवस्था करें।

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