ज्ञान धारण में जो संतोष कर ले वह दरिद्र होता है : सत्यदेवानंद महाराज
नीमगांव में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का समापन
अनोखा तीर, हरदा। नीमगांव स्थित श्रीगुुरु जम्भेश्वर मंदिर में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को समापन किया गया। इस दौरान मंदिर परिसर में सुबह से हवन यज्ञ का आयोजन किया, जिसमें कथा वाचक आचार्य श्री सत्यदेवानंद महाराज सहित अन्य संतगण और समाज के लोग शामिल हुए। इसके बाद कथा का वाचन करते हुए महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण के मित्र और उनके भक्त सुदामा अपनी झोपड़ी में पत्नी सुशीला के साथ निवास करते हैं। सुदामा के मन में श्रीेकृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम एवं भक्ति की भावना थी। एक दिन सुदामाजी की पत्नी ने उनसे कहा कि मैंने सुना है कि आपके बालसखा श्रीकृष्ण अब राजा हैं। क्या आपका मन कभी नहीं करता कि श्रीकृष्ण से मुलाकात करूं, उनके दर्शन करूं। सुदामा ने कहा कि मेरा क्या सभी का मन करता है कि श्रीकृष्ण के दर्शन करें। उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने में कभी भी संकोच नहीं करना चाहिए। जहां से भी हमें ज्ञान प्राप्त होता है करना चाहिए। इससे हमारा उद्धार संभव है। जो संतोष धारण कर ले कि अब बहुत ज्ञान प्राप्त कर लिया वह दरिद्र है।
शामिल हुए कृषि मंत्री
कथा के समापन अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल व पूर्व मंत्री व विधायक अजय विश्नोई, लक्ष्मीनारायण पंवार नीमगांव पहुंचे। इसके अलावा कार्यक्रम में सामाजिक पदाधिकारी व सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। इस दौरान कथा में सहयोग व सेवा देने वालों का भी सम्मान किया गया। कथा के दौरान सामाजिक लोगों ने राशि का दान भी किया। कथा के समापन अवसर पर भंडारे एवं प्रसादी का आयोजन नीमगांव वासी रामलाल सारण की ओर से किया गया।