2018 में शुरु हुआ था सीवरेज का काम, 2023 में भी 50 फीसदी अधूरा
4 बार बढ़ाई जा चुकी है समय – सीमा, 18 माह में पूरा करना था काम
4 किमी. पाईप लाईन, 6000 घरों के कनेक्शन सहित एसटीपी प्लांट अधूरा
नसरूल्लागंज। नगर में मलजल की निकासी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2018 में सीवरेज प्रोजेक्ट का ई-शिलान्यास इस सोच के साथ किया था कि आने वाले डेढ़ वर्षो में संपूर्ण नगर के घरों से निकलने वाले मलजल की निकासी की समुचित व्यवस्था होने पर नगरवासियों को राहत मिल सकेगी। लेकिन जिस उम्मीद के साथ योजना को पंख लगाए गए उस पर मप्र अर्बन डब्लपमेंट लिमिटेड कंपनी खरी नहीं उतर सकी। योजना के शुरु होने के पांच वर्ष बीतने को है, लेकिन 50 फीसदी काम ही हो सका है। अभी भी नगर के नीलकंठ रोड, इंदौर-भोपाल हाईवे, सुदामापुरी, बजरंग कुटी सहित लगभग 4 किमी. से अधिक के ऐरिये में पाईप लाईन डाले जाने का काम अधूरा पड़ा है। वहीं दूसरी और इसके बाद 6000 घरों से कनेक्शन से शुरु ही नहीं हो सका। इतना ही नहीं एसटीपी प्लांट में भी 30 प्रतिशत सिविल वर्क अधूरा है। जबकि कलेक्टर के द्वारा एसटीपी प्लांट का सिविल वर्क 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कलेक्टर ने भी इस और कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में आने वाले समय में यह योजना मूर्त रूप ले पाएगी इसकी संभावना नजर नहीं आ रही है। अगले माह से वर्षाकाल का दौर शुरु हो जाएगा, ऐसे में योजना का काम फिर से अधर में लटक जाएगा। माना जा रहा है कि इस वर्ष भी योजना का लाभ नगरवासियों को नहीं मिल सकेगा। उल्लेखनीय हैं कि विश्व बैंक की सहायता से नगर मे चल रहे मल-जल (सीवरेज) की कुल लागत 39.01 करोड़ है। जिसमें ठेकेदार को 18 माह में काम पूरा कर आगामी दस वर्ष तक इसका संचालन व संधारण किया जाना था। योजना के तहत कुल 4.2 एमएलडी के तहत एक ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। योजना के तहत नगरीय क्षेत्र में लगभग 45 किमी की पाईप लाईन बिछाई जाना थी। लेकिन अभी तक 40 किमी. ही काम पूरा हो पाया है। इसके अलावा घरो से जोडऩे वाले 1036 मेन होल बनाये जाने थे वह भी अधूरे पड़े है। वहीं डेढ़ मीटर की गहराई वाले 993 मेन चेंबर का काम भी अधूरा है। सरकार के द्वारा वर्ष 2049 तक अनुमानित जनसंख्या 46 हजार के आधार पर यह योजना तैयार की गई थी। योजना में ठेकेदार को सडक़ो की मरम्मत का काम भी करना है, लेकिन मरम्मत के नाम पर की जा रही लापरवाही पर कई बार प्रशासन की ओर से नोटिस जारी किये जा चुके है, लेकिन कंपनी पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।
5 माह पूर्व कलेक्टर ने किया था दौरा, 31 मार्च तक दिया था समय
बीते 22 दिसंबर 2022 को कलेक्टर प्रवीण सिंह के द्वारा सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत बन रहे एसटीपी प्लांट का मौके पर पहुंचकर रात 9 बजे औचक निरीक्षण किया था, जिस पर उन्होंने अधूरे काम पर फटकार लगाते हुए कंपनी के इंजीनियर को 31 मार्च तक एसटीपी प्लांट का सिविल वर्क पूरा करने के निर्देश मौके पर देते हुए इंजीनियर का वीडियो भी बनाकर ले गए थे। लेकिन 31 मार्च की डेडलाईन पूरी हो चुकी है ओर अभी भी एसटीपी प्लांट का सिविल वर्क अधूरा है। कंपनी के इंजीनियर की मानें तो इसका काम 70 फीसदी ही पूरा हो सका है।
घटिया काम पर जारी किया जा चुके है कई नोटिस, फिर भी सुधार नहीं
कंपनी सडक़ो की खुदाई के बाद पाईप लाईन का काम पूरा किये जाने के बाद रेस्टोरेशन में लगातार लापरवाही बरतते हुए घटिया निर्माण कर रही थी, जिसके चलतें अधिकारियों के द्वारा कई नोटिस कंपनी को जारी किये जा चुके है, इसके बाद भी निर्माण की गुणवत्ता में सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। यहां तक की कंपनी के द्वारा तैयार किये गए मेनहोल भी घटिया निर्माण का शिकार होते चले आ रहे है। ऐसा लग रहा हैं कि कंपनी नगर में काम के नाम पर रस्म अदायगी कर रही है। इस मामले मेंं नगर परिषद भी कंपनी के काम से खुश नहीं है। कई गलियों में तो नप के द्वारा तैयार की गई नई सडक़ो की खुदाई कर उन्हें पुन: जर्जर अवस्था में छोड़ दिया गया है।
इनका कहना है।
इस मामले में नप अध्यक्ष मारूति शिशिर ने बताया कि कई बार नगरीय प्रशासन विभाग को कंपनी द्वारा किये जा रहे काम से अवगत कराया जा चुका है। घटिया काम पर नोटिस भी जारी किये गए, लेकिन कंपनी लगातार लापरवाही करती जा रही है। इस मामले में सीएम को भी शिकायत की जाएगी।