क्षेत्र में चारों तरफ लहलहा रही ग्रीष्मकालीन मूंग में आखिरी ङ्क्षसचाईं चल रही है। इस बीच टेल क्षेत्र में पानी के अभाव में किसानों को आंदोलन की राह अपनानी पड़ी। यहां सोनतलाई-झांझरी माइनर से लगे किसान धरने पर डटे हैं। उनका धरना सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इधर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग ने कमांड क्षेत्र में सिंचाईं व्यवस्था की पूरी रिपोर्ट साझा की है। वहीं सोनतलाई माइनर में अगले दो-तीन दिनों में पानी मुहैया कराने का दावा किया है।
अनोखा तीर, हरदा। क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल अपने अंतिम चरण में है। मूूंग की फसल में कहीं तीसरा तो कहीं चौथा पानी चल रहा है। जबकि नहर के पानी पर आश्रित कृषि रकबो में कुल तीन सिंचाईं की बात सामने आई है। इसके लिये मार्च के अंतिम सप्ताह में बड़ी नहर से लेकर माइनरों तक किसान सक्रिय थे। हालांकि, जल वितरण व्यवस्था पटरी पर आने के बाद किसान अपने-अपने काम में जुट गए थे। लेकिन, इन सबके बीच सोनतलाई-झांझरी माइनर में पानी के अभाव की आवाज गूंजी है, जो कि मूंग की सेहत से जुड़ा मुद्दा होने के साथ साथ किसानों की डेढ़ महिने की मेहनत पर संकट के बादल समान है। यही कारण है कि क्षेत्र के दर्जनभर से अधिक किसान धरने को बाध्य हैं। एक दिन पहले यानि रविवार को शुरू हुआ धरना सोमवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत टाले, किसान कांग्रेस अध्यक्ष मोहन विश्नोई, जनपद सदस्य अजय पाटिल, बालकिशन यादव, कैलाश यादव, विजय यादव, सतीश फुलरे, इंद्रकुमार फूलरे, हेमंत फुलरे, दीपक यादव, रविशंकर मुकाती, दिनेश कुमार, किशोरीलाल राठौर, गणेश बांके, नर्मदा प्रसाद फुलरे, शिवनारायण कुल्हारे एवं हंसराज समेत अन्य किसान उपस्थित थे। इस मौके पर किसानों ने अपनी व्यथा बयां की। वहीं, ये मांग भी दोहरायी कि जब तक नहर में पानी नही आएगा, तब तक धरना खत्म नही करेंगे। इधर, किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते जल संसाधन विभाग एक्शन मोड में दिखा है। कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग डीके सिंह ने सोमवार को सिंचाईं व्यवस्था को लेकर कहा कि नहरों के संपूर्ण कमांड क्षेत्र में पहला और दूसरा पानी पूरा हो चुका है। जबकि वर्तमान में तीसरा पानी चल रहा है। जिसके लिये क्षेत्राधिकारी मय अमला के साथ व्यवस्था बनाने में जुटे हैं। इस दौरान अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिये दिनरात पेट्रोलिंग कर रहे हैं, वहीं नहरों में बनाए गए हेडअपों को तोड़ा जा रहा है।
जल्द से जल्द पहुंचाएंगे पानी
श्री सिंह ने सोनतलाई उपशाखा को लेकर कहा कि उसके ऊपर की उपशाखाओं तक सभी किसानों को पानी उपलब्ध करा चुके हैं। टेल क्षेत्र में करीब 80 एकड़ रकबे में तीसरा पानी उपलब्ध कराया जाना है, जो कि अगले दो-तीन दिनों में ओसराबंदी कार्यक्रम लागू कर पानी मुहैया करा दिया जाएगा। उन्होंनें बताया कि बांध से अगले 10 दिनों तक नियमित पानी का प्रवाह बना रहेगा। इस बीच कमांड क्षेत्र के सभी किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सकेगा।
धरनास्थल पर डटे रहे किसान
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों ने रविवार को धरना शुरू किया। रविार-सोमवार की दरमियानी रात तेज हवा-आंधी और बिजली की गर्जनाओं के बावजूद किसान धरनास्थल पर डटे रहे। खराब मौसम के बावजूद उनका मनोबल नही टूटा। इस बीच हल्की बूंदाबांदी की भी बात सामने आई है। ऐसा ही कुछ आलम सोमवार शाम को रहा। जब, आसमान में घने बादलों के बीच बारिश की संभावना बनी हुई थी।
दावा – दो पानी पूर्ण, तीसरा जारी
इसके अलावा कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग डीके सिंह ने अब तक की जल वितरण व्यवस्था की जानकारी समेत वर्तमान में जल प्रवाह की वस्तुस्थिति भी साझा की। उन्होंनें बताया कि संपूर्ण कमांड क्षेत्र 19135 हेक्टेयर में पहला और दूसरा पानी हो चुका है। जबकि तीसरे पानी के लिये मैदानी अमला दिनरात पेट्रोलिंग कर रहा है। श्री सिंह ने बताया चेन क्रमांक 3008 से एचबीसी को 961 क्यूसेक पानी तथा एलबीसी को 953 क्यूसेक पानी कुल 1914 क्यूसेक पानी का प्रवाह निरंतर जारी है। इन सबके बीच ओसराबंदी के माध्यम से जहां ऊपरी क्षेत्र की नहर एवं माइनरों को बंद कर टेल क्षेत्र की नहरों में पानी पहुंचाने में जुटे हैं। दावा है कि हरदा संभाग की सभी नहरों की उपशाखाओं में 5173 हेक्टेयर क्षेत्र में तीसरा पानी भी हो चुका है।
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