मध्य प्रदेशहरदा
धर्मपथ से कर्मपथ पर जुटे कमल पटेल
- दिल्ली में केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर क्षेत्र और प्रदेश के लिए तलाश रहे संभावनाएं
अनोखा तीर, हरदा। प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल पिछले एक सप्ताह से भिन्न-भिन्न क्षेत्रों की यात्राएं करते हुए इन दिनों दिल्ली प्रवास पर है। जहां उन्होंने राजस्थान में सालासर बालाजी, श्री खाटू श्याम, रामदेवरा और भारत-पाकिस्तान की सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर में दर्शन कर प्रदेश के किसानों के लिए खुशहाली की कामना की, वहीं इस धर्मपथ से चलकर अपने कर्मपथ के लिए अब दिल्ली में संभावना तलाशने में जुटे हुए है। जहां राजस्थान प्रवास दौरान जोधपुर में पार्टी सम्मेलन दौरान उन्होंने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भेंट करते हुए कृषि विभाग के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, वहीं नई दिल्ली पहुंचकर जैविक एवं प्राकृतिक खेती संबंधी प्रजेंटेशन देखा। उन्होंने दिल्ली के मध्यांचल भवन में बिना वित्तीय सुविधा के जैविक एवं प्राकृतिक खेती के माध्यम से आत्मनिर्भर कृषि के विषय को गंभीरता से समझा तथा इसे हरदा जिले में बतौर पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ करने की मंशा जाहिर की। इसी तरह केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरीराज सिंह से भेंट कर गांव के अधोसंरचना विकास तथा समसामयिक विषयों पर चर्चा की। दिल्ली में ही खेती की उन्नत तकनीक को लेकर इजराइल सरकार के दूतावास पर इजराइल के राजदूत नाऔर गिलोन के नेतृत्व में आए प्रतिनिधि मंडल से द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान मंत्री कमल पटेल ने कहा कि इजराइल द्वारा जल प्रबंधन से जुड़ी नॉलेज शेयरिंग के लिए मध्यप्रदेश का हरदा जिला एक महत्वपूर्ण स्थान साबित हो सकता है। भविष्य के प्रोजेक्ट लगाने के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों से यह जिला सर्वश्रेष्ठ है। इस दौरान हरदा में सेंटर फॉर एक्सीलेंस इंडो इजराइल प्रोजेक्ट प्रारंभ करने पर भी वार्तालाप हुआ। कृषि मंत्री ने भारत सरकार के केन्द्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा से मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर क्रय की जा रही मूंग को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मूंग खरीदी की लिमिट 25 क्विंटल है जिसे 40 क्विंटल किया जाना चाहिए। केन्द्रीय कृषि सचिव ने इस विषय में सहमति व्यक्त की है। वहीं श्री पटेल ने केन्द्रीय सचिव को मध्यप्रदेश में वन ग्रामों की फसलों के लिए कराए गए बीमे तथा उससे वनांचल के किसानों के लाभान्वित होने की जानकारी भी दी। इस दौरान श्री पटेल ने प्रत्येक वर्ष मार्च माह में ही चना, सरसों एवं मसूर की खरीदी करने का सुझाव भी दिया। अपने दिल्ली प्रवास दौरान कृषि मंत्री ने देश के उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ से सौजन्य भेंट की। खेती किसानी के क्षेत्र में गहरी दखल और पकड़ रखने वाले उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ से कृषि के विषय पर परामर्श भी लिया। श्री पटेल ने रेलवे बोर्ड के चेयरमेन विनय कुमार त्रिपाठी को एक अनुरोध पत्र सौंपते हुए हरदा में रेलवे ओव्हरब्रिज बनाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि इटारसी-खंडवा रोड पर हरदा में ट्रेन क्रासिंग पर ओव्हरब्रिज नहीं होने के कारण आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं मध्यप्रदेश में लहसून, प्याज, मटर उत्पादन करने वाले किसानों के लिए आज केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से चर्चा की। केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने आश्वस्त किया कि इन फसलों के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त क्रियान्वयन के साथ विस्तृत योजना बनाई जाएगी। श्री पटेल ने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश के रतलाम, मंदसौर, नीमच और इंदौर क्षेत्र में किसानों को लहसून और प्याज के उचित दाम नहीं मिलने की समस्या से भी अवगत कराया। इस प्रकार कृषि मंत्री ने धर्म के मार्ग से गुजरते हुए अपने विभागीय दायित्वों का निर्वहन करने के लिए दिल्ली में केन्द्रीय नेताओं से चर्चाओं का यह दौर बनाए रखा। प्रदेश के किसानों के लिए कृषि मंत्री की यह पहल कितनी कारगर होगी यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन उनके द्वारा किए गए प्रयास निश्चित ही आने वाले दिनों में कृषि के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर सकते है।