हरदा

पुलिस की सक्रियता से अपराधों में आई कमी

अपराधों का वार्षिक ब्यौरा.....

– पुलिस अधीक्षक ने प्रेसवार्ता में साझा किया अपराधों का आंकड़ा

– जघन्य अपराधियों को सजा दिलाने निभाई अहम भूमिका

जिले में हत्या, लूट, बलात्कार एवं चोरी के मामलों में कमी आई है। इसकी मुख्य वजह बेहतर पुलिसिंग बताई है। वहीं जन जागरूकता के चलते महिला अपराधों पर भी अंकुश लगा है। साथ ही चालान प्रस्तुत करने के साथ ही अपरोधियों को दंडित कराने की दिशा में पुलिस व अभियोजन के बीच बेहतर तालमेल रहा। जिसके चलते बड़े मामलों में करीब एक चौथाई प्रकरण में न्यायालय ने आरोपियों को उम्रकैद सजा सुनाई है। यह बातें पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल ने कही। वे पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेसवार्ता में जिले में घटित अपराधों का वार्षिक ब्यौरा दे रहे थे।

अनोखा तीर, हरदा। पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को कंट्रोल रूम में एक प्रेसवार्ता आयोजित कर जिले में अपराधों का आकंड़ा साझा किया। प्रेस वार्ता को पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल ने संबोधित किया। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश्वरी महोबिया, एसडीओपी हिमानी मिश्रा, रक्षित निरीक्षक अनिल कवरेती, नगर निरीक्षक सिटी कोतवाली अनिल राठौर, सिविल लाइन थाना प्रभारी राजेश साहू एवं निरीक्षक राकेश गौर मौजूद रहे। जारी आंकड़ो के मुताबिक जिले के समस्त थानाक्षेत्रों में अपराध कम हुआ है। खासकर जघन्य अपराधों पर अंकुश लगा है। वहीं अपहरण के मामलों में लापता पीडि़ताओं को दस्तयाब करने में पुलिस बल अव्वल रहा है। इसके अलावा समंस, जमानती वारंट, गिरफ्तारी वारंट एवं स्थायी वारंट की तामीली का प्रतिशत निर्धारित लक्ष्य को पार कर चुका है। इस मामले में महिला थाना, टिमरनी थाना, सिटी कोतवाली एवं सिराली थाना शीर्ष पर है। जारी आंकड़ों के मुताबिक जिले में हत्या, लूट, चोरी और बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है। जबकि, अपरहण के मामलों में पिछले साल की तुलना मामूली बढ़त हुई है। हालांकि, इसके पीछे पुलिस प्रशासन का तथ्य है कि नाबालिक पीडि़ताओं को बहला-फुसलाकर ले जाने तथा बगैर कुछ बताये कहीं चले जाने पर अपहरण की धारा में प्रकरण कायम होता है। कुछ इसी तरह बलवा के प्रकरण में मामूली इजाफा हुआ है। वर्ष २०२१ में जहां 93 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे, जो वर्ष २०२२ में 106 प्रकरण पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण पंचायत चुनाव बताया है। उस समय बलवा के प्रकरण कायम हुए थे। पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल ने कहा कि जिले में जुंआ-सट्टे पर लगाम लगाने में सफलता मिली है। वहीं हथियार लेकर घूमने के मामले में भी कमी आई है। पिछले साल जहां 25 आर्म एक्ट के 40 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे, जो इस साल 21 प्रकरण पर सिमटकर रह गया है। उन्होंनें कहा कि 110 जा.फौ के मामले पिछले साल के लगभग बराबर है। इसका मुख्य कारण यह कि 110 की कार्यवाही अपराधों की रोकथाम की दिशा में आवश्यक कदम है। 110, 151, 107 एवं 116 (3) एवं 145 जा.फौ की प्रतिबंधात्मक कार्यवाही बड़े अपराधों पर अंकुश लगाने में कारगर है।

टॉप पर महिला थाना, दूसरे स्थान पर टिमरनी
समंस तामील करने के मामले में महिला थाना का परिणाम शत-प्रतिशत रहा। जमानती वारंट के मामले में टिमरनी थाना का तामीली प्रतिशत ९४.३४ रहा। वहीं गिरफ्तारी वारंट के मामले में हरदा सिटी कोतवाली ८४.२९ प्रतिशत तामीली कर चुका है। इसी प्रकार स्थायी वारंट की तामीली को लेकर सिराली थाने का प्रतिशत ५५.३१ दर्ज हुआ है, जो पिछले वर्षो की तुलना में संतोषजनक साबित हुआ है।

महिलाओं पर घटित अपराधों में कमी
पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल ने बताया कि महिलाओं पर घटित अपराधों में कमी आई है। वर्ष २०२१ में जहां 6 हत्याएं हुई थी, जो वर्ष २०२२ में 50 प्रतिशत कम यानि कुल 3 प्रकरण दर्ज हुए हैं। इसी तरह हत्या का प्रयास के 5 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे। जबकि पिछले साल २०२२ में कुल 4 प्रकरण दर्ज हुए थे। वर्ष २०२१ में बलात्कार के प्रकरणों का आंकडा ९४ था, जो वर्ष २०२२ में ८४ प्रकरण कायम हुए। दहेज को लेकर हत्या धारा ३०४ बी का आंकड़ा भी 50 प्रतिशत कम हुआ है।

चोरी व लूट की घटनाओं पर अंकुश
श्री अग्रवाल ने कहा कि जघन्य अपराधों के साथ-साथ अन्य अपराधों में भी कमी आई है। लूट और चोरी की वारदातों पर अंकुश लगा है। उन्होंनें बताया कि वर्ष २०२२ में लूट के कुल 3 प्रकरण कायम हुए थे। जिनमें से 22 प्रकरण निराकृत हो चुके हैं। जबकि शेष एक प्रकरण में पुलिस सफलता की ओर अग्रसर है। जल्द ही उसका पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

सनसनीखेज अपराधों में 5 दंडित
पुलिस अधीक्षक ने आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि जघन्य एवं सनसनीखेज अपराधों में से 5 प्रकरण में दोषियों को सजा मिली है। इनमें 2 प्रकरण में 7 साल की सजा एवं 1 प्रकरण में उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं पॉस्को एक्ट के 2 प्रकरणों में 10-10 साल की सजा सुनाई गई है। इस तरह कुल 5 सनसनीखेज व जघन्य अपराधों में आरोपियों को दंड मिला है। पुलिस व अभियोजन के बेहतर तालमेल से अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया है।

एक चौथाई मामलों में उम्रकैद की सजा
उन्होंनें बताया कि अपराधों की कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण कर अभियोजन के माध्यम से दोषियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। जिसके परिणाम स्वरूप एक चौथाई मामलों में न्यायालय ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जबकि 4 प्रकरणों में आरोपी को 7 साल की सजा, 11 प्रकरणों में 10 साल की सजा तथा पॉस्को एक्ट की बात करें तो 13 प्रकरण में 10 साल की सजा, 6 प्रकरण में 20 साल की सजा एवं 2 प्रकरण में आरोपी को उम्रकैद की सजा मिली है। इस तरह कुल 44 प्रकरणों में न्यायालय ने आरोपियों को सजा देकर दंडित किया है।

एक नजर में अपराध….
अपराध — वर्ष २०२१ — वर्ष २०२२
हत्या — 16 — १३
लूट — १ — ३
चोरी — ६६ — ५७
साधारण चोरी — ६३ — ४८
वाहन चोरी — ७२ — ६८
पशु चोरी — ५ — ३
बलवा — ९ — १३
बलात्कार — ९४ — ८४
अपहरण — ९३ — १०६

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker