अनोखा तीर, हरदा। लगातार 30 महिने से मॉ नर्मदा की निराहार पदयात्रा कर रहे दादाजी सदगुरू महाराज रविवार को अचानक शहर के प्राचीन मस्तराम आश्रम पहुंचे। यहां सर्वप्रािम ब्रह्मलीन मस्तराम महात्यागी के धूने पर माल्यार्पण कर दंडवत प्रणाम किया। तत्पश्चात मंदिर के मुख्यद्वार पर सड़क के दोनों तरफ पीपल के विशाल वृक्षों को देखकर प्रशंसता व्यक्त की। कहा कि सिद्ध स्थान के समक्ष पीपल का द्वार सुखद संयोग है। दादाजी सदगुरू महाराज ने मस्तराम सेवा समिति के सदस्यों ने पीपल के नजदीक नीम का वृक्ष लगाने की बात कही है। साथ ही वर्ष १९६४ से मस्तराम आश्रम में जारी संत सेवा तथा सालों पुराने धूने को जीवित रखने का संकल्प दिलाया। दादाजी महाराज ने आश्रम के नवनिर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने वाले सभी धर्मप्रेमीजनों की सराहना की। इस मौके पर विधायक प्रतिनिधी वेद विश्नोई, पिंटू अग्रवाल, सुभाष शर्मा, मनीष अग्रवाल, पंकेश झवर, पवन शर्मा, शिवम बादर, हितेश टाले सहित अन्य लोग उपस्थित थे। गौरतलब है कि दादाजी सदगुरू महाराज रविवार को मुख्यालय स्थित कच्छ कड़वा पाटीदार धर्मशाला में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस अवसर पर नर्मदे हर के जयकारों से कार्यक्रम स्थल गूंज उठा। इस अवसर पर दादाजी सरकार ने उपस्थित धर्मप्रेमीजनों को आशीर्वचन प्रदान किया। साथ ही नर्मदा के संरक्षण व संर्वधन का संकल्प दिलाया। उल्लेखनीय है कि दादाजी सदगुरू महाराज धर्म, धरा, धेनु एवं प्रकृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए 30 माह से मां नर्मदा के जल पर ही जीवन यापन कर रहे हैं। मां नर्मदा के जल की जीवंतता सार्थकता का साक्षात ज्वलंत प्रमाण हैं सदगुरु दादा जी। नर्मदा के जल मात्र पर करीब 3500 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा पूर्ण कर हरदा पहुंचे थे।