मध्य प्रदेश

मैं तो बाज़ी हार कर बे-फ़िक्र हो कर चल दिया, जीतने वालों को चसका लग गया यह अच्छा नहीं

चुनावी टिप्पणी- प्रहलाद शर्मा

दैनिक अनोखा तीर, हरदा। मध्यप्रदेश में नगरी निकाय चुनाव के प्रथम चरण में हुए मतदान की आज मतगणना संपन्न हुई। इस दौरान प्रदेश की अधिकांश नगर सरकारों पर भाजपा का कब्जा होना तय हो चुका है। पहले पंचायत चुनाव में और अब नगरी निकाय चुनाव में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी ने सर्वाधिक स्थानों पर जीत हासिल कर मतदाताओं में अपनी पकड़ का एहसास करा दिया है। अगले वर्ष 2023 में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले हुए यह पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए सेमीफाइनल माने जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा के अध्यक्ष ही कार्यकाल में प्रदेश स्तर पर होने वाले यह पहले चुनाव थे। बहराल इससे पहले उन्हीं के नेतृत्व में विधानसभा के उपचुनाव पार्टी द्वारा लड़े गए थे। जिस में भी भाजपा ने अधिकांश स्थानों पर जीत का परचम लहराते हुए कांग्रेस को करारी हार दी थी। विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस द्वारा भाजपा पर लगाए गए खरीद-फरोख्त के आरोप को मतदाताओं ने अपने मताधिकार से खारिज कर दिया था। बीते 2 वर्षों से पुनः सत्ता पर काबिज हुई भाजपा के लिए यह पंचायत चुनाव एवं नगरी निकाय चुनाव काफी मायने रखते हैं। क्योंकि यह चुनाव भाजपा पहली बार बगैर संभागी संगठन मंत्रियों के लड़ रही थी। वहीं कांग्रेस द्वारा समय-समय पर भाजपा और सरकार पर लगाए जाने वाले आरोपों की हकीकत जनता के बीच समझने वाले भी थे। वैसे तो इस चुनाव में बीडी शर्मा के अलावा मुख्य मोर्चा स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाल रखा था। श्री चौहान ने न केवल नगर निगम क्षेत्रों में अपितु नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर तक जाकर जन आशीर्वाद प्राप्त करने का भरपूर प्रयास किया। वही प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में तथा अपने प्रभार वाले जिलों में पार्टी की जीत के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस खेमे से केवल प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के अलावा इस चुनाव दौरान कोई दूसरा बड़ा नाम चर्चा में नहीं आया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चुनावी सभाओं और रोड शो का जवाब अकेले कमलनाथ की देते नजर आ रहे थे। कांग्रेस नेता भाजपा के चुनावी जीत संबंधी दावों को ख्याली पुलाव करार देते हुए कांग्रेस की बड़ी जीत का दावा कर रहे थे। बहराल इस चुनाव में कांग्रेस ने पिछले चुनाव की तुलना काफी बढ़त हासिल की है। जहां प्रदेश के सभी नगर निगमों में भाजपा का परचम लहरा रहा था, वही इस चुनाव दौरान कांग्रेस ने भाजपा के इस एक छत्र राज्य पर विराम लगा दिया। चुनाव परिणाम दौरान किसी तरह की गड़बड़ी में हो इस बात को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले से ही पूरे सतर्क नजर आ रहे थे। उन्होंने मतगणना वाले क्षेत्रों के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी बतौर पार्टी पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। लेकिन मतदाताओं ने कांग्रेस के मंसूबों पर पानी फेर दिया। मध्य प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में पहले पंचायत चुनाव और अब नगरी निकाय चुनाव में भाजपा की जीत के बाद जो स्थिति उभर कर आई है, उसको देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पर किसी शायर का यह शेर एकदम फिट बैठता है कि
मैं तो बाज़ी हार कर बे-फ़िक्र हो कर चल दिया,जीतने वालों को चसका लग गया अच्छा नहीं।

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