किसान ने खेत को बनाया प्रयोगशाला, प्याज बीज उत्पादन कर मध्‍य प्रदेश में बनाई पहचान

अनोखा तीर खांडव:-जिले के ग्राम भगवानपुरा के युवा उन्नतशील किसान पंकज कड़वाजी पटेल ने बीज उत्पादन क्षेत्र में पूरे प्रदेश में पहचान बनाई है। उन्होंने अपने खेत को प्रयोगशाला बनाया है और वर्ष 2009 से प्याज के बीज का उत्पादन कर रहे हैं।

पंकज 15 से 20 एकड़ में प्याज लगाते हैं, जिससे 25 से 30 मजदूरों को रोजगार मिलता है। इससे प्रेरित होकर अन्य किसान भी अपने खेत में प्रयोग कर लाभ कमा रहे हैं। पंकज के खेत पर कई जिलों के किसान विजिट करने आते हैं, जिनमें हरदा, उज्जैन, देवास, धार, बड़नगर, बदनावर, सीहोर के कृषक शामिल हैं। पटेल सभी किसानों के साथ उच्च उत्पादकता के बीज शेयर करते हैं। ताकि किसानों को अच्छा उत्पादन मिले और उनकी आय में बढ़ोतरी हो।

कृषि विज्ञानी डा. देवेंद्र पासी से प्रेरणा ली

पटेल बताते हैं कि कृषि विज्ञानी डा. देवेंद्र पासी से प्रेरणा पाकर उन्होंने इस बीज को चुना। वजह प्याज बीज उत्पादन करना एक कठिन विधा है। इसमें किसान का कौशल होना अतिआवश्यक है, क्योंकि प्याज एक हाईली क्रास पोलिनेटेड क्राप है। इसमें परागण मधुमक्खियों द्वारा होता है, इसमें किसान को बहुत सावधानीपूर्वक रसायनों का इस्तेमाल करना होता है, इनमें सिर्फ उन्हीं रसायनों का उपयोग होता है, जो हनी बी फ्रैंडली हो। मौसम विज्ञानी डा. सौरभ गुप्ता के अनुसार बेहतर खेती के लिए किसानों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सलाह दी जाती है, जिसका अनुसरण कर किसानों की लागत में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है।

मध्य भारत में सबसे बड़े एरिया में प्याज बीज उत्पादन

पटेल कृषि में लगने वाले बीज के महत्व को समझते हैं इसलिए किसानों को उत्तम प्रजाति के बीज प्रदान करने हेतु उन्होंने अपने खेत को कृषि प्रयोगशाला के रूप में विकसित किया है। पटेल के पास चना, गेहूं तथा प्याज की उत्तम क्वालिटी और अधिकतम उत्पादन देने वाली किस्में हैं। चना में पूसा मानव, आरवीजी 205, हिट और ड्राउट टालरेंट अबीजीएम 10216, गेहूं में एचआइ 1650, एचआइ 1655, एमएसीएस 6768, डीबीडब्लू 327 सहित पटेल के पास गेहूं की सीजी 1036 वैरायटी भी है, जिसका चपाती सूचकांक 8.50 है, जो शरबती गेहूं से भी अधिक है। पंकज मार्केट रेट से कम दाम में किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराते हैं। मध्य भारत में सबसे बड़े एरिया में प्याज बीज उत्पादन करते हैं।

बीज उत्पादन तकनीक को विज्ञानियों ने सराहा

जवाहर लाल कृषि विश्वविद्यालय द्वारा 2020 में आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में पंकज पटेल द्वारा प्याज बीज उत्पादन तकनीक पर अपना प्रेजेंटेशन दिया गया। इसे विज्ञानियों ने सराहा है। पटेल पानी के महत्व को समझते हैं। इसलिए जल है तो कल है के सूत्र पर चलते हुए पटेल ने अपने खेत पर 54 हजार वर्गफीट में एक विशाल तालाब का निर्माण स्वयं के खर्चे पर करवाया है। इसमें वह अमूल्य वर्षा जल का संचय कर उसं कृषि में उपयोग करते हैं, क्योंकि ट्यूबवेल का पानी गहराई से आता है। इसका टीडीएस लेवल काफी हाई होता है, जो भूमि की उत्पादकता को प्रभावित करता है, इसलिए पटेल संचयित जल का ही उपयोग करते हैं।

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