क्या खनिज विभाग करवा रहा अवैध रेत उत्खनन

 

नितेश गोयल/ कैलाश शर्मा, हरदा। हेलो सर आज हम छीपानेर गए थे, वहां देखा कि पतित पावन मां नर्मदा नदी में सैकड़ों नौकाएं, हजारों लोग बेखौफ होकर बीच नर्मदा से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। घाट पर अनगिनत ट्रेक्टर संग्रहित रेत को भरकर ले जा रहे हैं। यह इतने बड़े पैमाने पर रेत उत्खनन हो रहा है, क्या ठेकेदार को ठेका मिल गया है और वह बीच नर्मदा में इस तरह से रेत उत्खनन कर सकता है। यह सब बातें हमने मोबाईल पर जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र कमलेश से पूछी तो उनके जबाव सुनकर हमें यही लगा कि यह जो अवैध उत्खनन का वैध तरीके से बेखौफ होकर कार्य किया जा रहा है, इसमें उनकी कहीं न कहीं सहमति दिखाई दे रही है। उन्होंने हमें कहा कि कोई अपने जिले की ही नौकाएं थोड़ी न हैं, दूसरे जिलों की भी नौकाएं उत्खनन कार्य कर रही हैं। हमारी कार्यवाही जारी है। जब हमने यह पूछा कि जब आप कार्यवाही कर रहे हो तो दिन दहाड़े इतनी नौकाएं और इतने टे्रक्टर नर्मदा नदी के तट पर क्या कर रहे हैं। इस पर खनिज अधिकारी ने इतना ही कहा कि बाकी जो बात करना है, वह आफिस में ही करूंगा और उन्होंने तत्काल फोन काट दिया। इन आला अधिकारी से पहले खनिज निरीक्षक मनीषा तावड़े से भी हमने फोन कर छीपानेर में हो रहे इस अवैध उत्खनन की जानकारी देनी चाही तो उन्होंने हमारी पूरी बात सुनना ही मुनासिब नहीं समझा, जब हमने उनसे कहा कि छीपानेर में आज सैकड़ों की तादाद में नौकाएं और ट्रेक्टर अवैध उत्खनन के कार्य में लगे हैं, तो उन्होंने कहा कि आप आफिस आना और साहब से बात करना, इसी के साथ ही उन्होंने तत्काल फोन डिसकनेक्ट कर दिया। जिले के जब दोनों जबावदार अधिकारी इस तरह की बात करें तो क्या समझा जाएगा, जबकि उनका जबाव यह होना चाहिए था कि ऐसा कैसे हो सकता है, मैं अभी दल बल के साथ जाकर कार्यवाही करता हूं। अवैध रेत उत्खनन और परिवहन किसी कीमत पर जिले में नहीं होने दिया जाएगा। लेकिन इन अधिकारियों के इस तरह के जबाव सुनकर इतना तो तय है कि कहीं न कहीं इन अवैध उत्खनन माफियाओं को संरक्षण मिला हुआ है।

पैदा कर दिए कई रेत माफिया

ग्राम छीपानेर में हो रहे अवैध रेत उत्खनन के संबंध में जब हमने स्थानीय ग्रामीणों से जानकारी प्राप्त की तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए। नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि यह सब जो हमारी मां नर्मदा का दामन तार-तार कर रहे हैं, यह सब काम अधिकारियों की मिलीभगत से ही हो रहा है। प्रतिदिन सैकड़ों नौकाओं के माध्यम से मध्य नर्मदा में से गरीब लोगों से भीषण ठंड में पैसों के लालच में डुबकी लगवाकर रेत उत्खनन कराया जाता है, नौकाओं से घाट पर रेत खाली करवा कर उसे ट्रेक्टरों के माध्यम से छीपानेर चिचौट मार्ग पर ढेर लगवाया जाता है। दिन भर इस काम में ट्रेक्टर लगे रहते हैं। जब दिन भर की रेत का स्टॉक कर लिया जाता है तो रात के अंधेरे में जेसीबी के माध्यम से डंपरों में रेत भरकर महानगरों की ओर रवाना कर दी जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि रेत चोरी का यह कुकृत्य कोई एक व्यक्ति नहीं कर रहा है, बल्कि ४-५ लोगों को ठेकेदार बनाया गया है। सबके अलग-अलग ढेर लगते हैं। इन्हें यह ठेकेदारी किसने दी है, यह तो हमे नहीं मालूम लेकिन यह लोग दूसरे लोगों को रेत के इस धंधे में नहीं उतरने देते और यदि कोई एक ट्राली भी रेत अपने उपयोग के लिए नर्मदा नदी से भर लाए तो यह उसे खनिज विभाग के माध्यम से पकड़ा देते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दिन रात दौड़ते डंपर और ट्रेक्टरों ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। कई बार ग्राम में इन्हीं के कारण सड़क दुर्घटनाएं भी हो गई हैं। इन माफियाओं का इतना खौफ है कि कोई भी इनके खिलाफ नहीं बोल सकता।

Views Today: 2

Total Views: 26

Leave a Reply

लेटेस्ट न्यूज़

MP Info लेटेस्ट न्यूज़

error: Content is protected !!