जबलपुर। बिजली लाइन लास। एक तरह से बिजली चोरी। लाइन में दौड़ रहा करंट का आधे से ज्यादा गायब हो रहा है। सरल भाषा में आधे से ज्यादा बिजली खराब या चोरी हो रही है जिसका हिसाब-किताब ही बिजली कंपनी को नहीं मिल पा रहा है। इस लाइन लास को सालों से कम करने की कवायद हो रही है।
लास कम होने की बजाए बढ़ चुका
करोड़ों रुपये योजना पर खर्च कर इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार हुआ फिर भी लाइन लास कम होने की बजाए बढ़ चुका है। कंपनी क्षेत्र में औसत 37 फीसद से अधिक बिजली का नुकसान है जबकि 17 प्रतिशत तक इसे लाने का लक्ष्य है। कंपनी मुख्यालय के डिविजन में ही 57 फीसद तक लाइन लास बना हुआ है।
बिजली की मांग भी बढ़ी
बिजली की मांग पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में लगातार बढ़ी है। कृषि फीडर में सबसे ज्यादा 16.79 प्रतिशत बिजली की मांग पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। वित्तीय वर्ष 2023 में जहां 9191.24 लाख यूनिट बिजली की खपत थी। वहीं वित्तीय वर्ष 2024 में दिसंबर के प्रारंभ तक 10734.77 लाख यूनिट हो चुकी है।
6.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी पिछले साल से है
गैर कृषि फीडर में यह बढ़ोतरी पिछले वित्तीय वर्ष से 3.96 फीसद और मिक्स फीडर में 8.26 फीसद बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई है। कंपनी के 21 जिलों में 2023 के वित्तीय वर्ष में जहां कुल 106707.05 लाख यूनिट की खपत हुई थी वहीं वित्तीय वर्ष 2024 में अभी तक 113438.89 लाख यूनटि बिजली की खपत हुई है यह कंपनी क्षेत्र में 6.31 प्रतिशत की बढ़ोतरी पिछले साल से है।
कंपनी क्षेत्र में 30 से बढ़कर 37 प्रतिशत नुकसान
पूर्व क्षेत्र कंपनी के 21 जिलों में औसत बात करे तो वित्तीय वर्ष 2023 में 30.28 फीसद लाइन लास था। यह वित्तीय वर्ष 2024 अक्टूबर तक 37.23 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यानी पिछले साल से 7.05 फीसद बढ़ चुका है।
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