इंदौर। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसका उल्लास देश-दुनिया के राम भक्तों के साथ मां अहिल्या की नगरी और मालवांचल के गांव-गांव में छाएगा। इस अवसर को खास बनाने की हर तैयारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुरू कर दी है। हर घर-आंगन में रंगोली सजेगी और दीपक जलेंगे।
विद्युत सज्जा के साथ मठ-मंदिरों के साथ विभिन्न धर्म स्थलों पर विजय मंत्र और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। इस उत्सव में हर सनातनी शामिल हो इसके लिए 15 दिनी अभियान चलाकर घर पीले चावल और मंदिर का चित्र पूजन के लिए प्रदान किया जाएगा। अयोध्या में होने वाली प्राण-प्रतिष्ठा में मालवांचल के 100 से अधिक संत भाग लेंगे।
इस अवसर को खास बनाने क लिए मालवा प्रांत के 12 हजार से अधिक गांवों और आठ हजार से अधिक नगरीय मोहल्लों में हजारों टोलियां घर-घर संपर्क करेंगी। दो हजार से अधिक समयदानी कार्यकर्ता दस दिन के लिए अपने घर से दूर गांव मोहल्ले में रहकर इस अभियान की टोलियों का गठन करेंगे। हर तहसील में सामाजिक सद्भाव की बैठक होंगी। हिंदू समाज की सभी जाति-समाज के बंधु-भगिनी एक जाजम पर बैठ कर जनजागरण की योजना बना रहे हैं। हर घर पर भगवा और हर मुख पर रामधुन हो इस भाव से आयोजन की रूप रेखा तय की गई है।
प्रतिष्ठा भारतीय स्वाभिमान एवं गौरव की पुनर्स्थापना की
राष्ट्रिय स्वंसेवक संघ मालवा प्रांत के संघसचालक डा. प्रकाश शास्त्री और विश्व हिन्दू परिसद के प्रांत मंत्री विनोद शर्मा का कहना है कि रामजन्म भूमि मंदिर के लिए 500 वर्ष तक संघर्ष चला। स्वतंत्रता के बाद हुआ राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन भारत की अस्मिता और पहचान का संघर्ष था। यह प्राण प्रतिष्ठा भारतीय स्वाभिमान एवं गौरव की पुनर्स्थापना है। यह राम मंदिर से राष्ट्र मंदिर के अप्रतिम भाव का प्रतीक भी है। जन-जन के मन में प्रभु श्रीराम के प्रति जो आस्था है, उसके प्रकटीकरण का चरम इस अवसर पर दृष्टिगत हो रहा है।
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