चना में उमाले की मार, जरूरत पड़ने पर नहर में छोड़ा 795 क्यूसेक पानी

  • दवा एवं सिंचाईं से काबू पा रहे किसान
  • अनोखा तीर, हरदा। रबी सीजन में इस बार बेमौसम बारिश व बूंदाबांदी से कहीं खुशी तो कहीं चिंता का माहौल है। करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक मौसम की बेरूखी बरकरार रही। लेकिन, अब मौसम में सुधार के साथ साथ जमीनी हालात सामने आने लगे हैं। दरअसल, इनदिनों चना की फसल में उमाले की मार दिखाई दे रही है। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। वहीं इस पर नियंत्रण पाने के लिए दवा का छिड़काव तथा सिंचाईं का सहारा ले रहे हैं। हालांकि, उमाले का रोग हर तरफ नही है। किसानों की मानें तो ऐसा केवल हल्की जमीन वाले क्षेत्रों में जोर है। वहां टांके की टांके पीले पड़ रहे हैं। जबकि चना की आधी से ज्यादा उम्र बाकी है। इन सबके बीच किसान संगठन के पदाधिकारियों ने तवा परियोजना अधिकारियों को इसकी जानकारी देने के साथ ही सिंचाईं के लिए पानी की आवश्यकता बताई थी। जिसके बाद तवा के अधीक्षण यंत्री के निर्देश पर 795 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है, जो अगले 48 घंटे के भीतर हरदा पहुंचने की बात कही जा रही है।
  • जहां अल्पवर्षा, वहां उमाले की मार
  • भारतीय किसान संघ के जल संसाधन विभाग के प्रभारी दीपचंद नवाद ने बताया कि जिले के जिन क्षेत्रों में कम बारिश हुई है, वहां चना फसल में उमाले की खबर मिल रही है। नहर के टेल क्षेत्र से जुड़े किसान इसकी जद में है। भारतीय किसान संघ ने जरूरतमंद किसानों की पानी की मांग से जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराया था।
  • ४८ घंटे के भीतर हरदा पहुंचेगा पानी
  • उधर, अधीक्षण यंत्री तवा परियोजना आरआर मीणा ने पानी की मांग सामने आते ही शुक्रवार को शाम 5 बजे हरदा जिले के लिए 795 क्यूसेक पानी छोड़ दिया है, जो अगले 48 घंटे यानि 10 दिसंबर को हरदा पहुंचेगा। श्री नवाद ने बताया कि पानी का लेवल धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।

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