खंडवा, ओकारेश्वर- शिव की नगरी ओंकारेश्वर में अव्यवस्थाओं की वजह से बड़ी संख्या में आने वाले शिव भक्तों आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के दौरान आती है। ऐसे में कई श्रद्धालुओं को बिना दर्शन किए लौटना पड़ता है। नर्मदा के घाटों पर नावें जगह घेरने से श्रद्धालुओं को नहाने के लिए जगह तक नहीं मिल पाती है। ऐसे में स्नान के दौरान हादसे होते है।
ओंकारेश्वर बांध परियोजना एनएचडीसी द्वारा नर्मदा की अविरल धारा रोक दी जाती है। चट्टानों पर गिरकर स्नान करना भक्तों के लिए मजबूरी बन गया है। इसके कारण आए दिन तीर्थ यात्रियों को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। घाटों पर जलस्तर एक समान बना रहे इसके लिए संगमघाट पर स्टाप डेम की मांग लंबे समय से लंबित है।
ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं की परेशानी से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं भली भांति वाकिफ है। चार माह पूर्व वे ओंकारेश्वर आने पर प्रशासन को व्यवस्था में सुधार के लिए अधिकारियों को कार्ययोजना बनाने के निर्देश देकर गए थे। लेकिन इसके बाद भी स्थिति और समस्याएं यथावत है।
ज्योतिर्लिंग के अलावा यहां आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट उऊंची प्रतिमा भी स्थापित हो चुकी है। इसके चलते पर्यटकों की संख्या भी बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए तीर्थनगरी में सुविधाओं का विस्तार जरूरी हो गया है।
20 से 25 हजार श्रद्धालु आते है प्रतिदिन
देश में बारह ज्योतिर्लिंग में से एक ओंकारेश्वर तीर्थस्थल पर 12 महीने भगवान भोलेनाथ की आराधना और मां नर्मदा में स्नान करने लाखों श्रद्धालु आते हैं।महाकाल ज्योतिर्लिंग उज्जैन में महाकालेश्वर महालोक धाम बन जाने के बाद ओंकारेश्वर भी प्रतिदिन 20 से 25 हजार यात्री आ रहे है। शनिवार और रविवार को यह संख्या बढ़ जाती हैं।
तीर्थनगरी में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की तुलना में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पीने के लिए वाटर कूलर लगा दिए गए हैं उसमें पानी की व्यवस्था नहीं है। नगर की सफाई सेवा भी चरमराई हुई है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का गर्भ गृह छोटा और मंदिर प्रांगण में जगह की कमी होने से भीड़ के वक्त किसी अनहोनी का अंदेशा बना रहता है।
झूला पुल से लेकर मंदिर तक और जेपी चौक के पुराने पुल से लेकर मंदिर तक दो किलोमीटर लंबी कतार दर्शनार्थियों की लग जाती है इस बीच में ना तो श्रद्धालुओं को पीने का पानी मिलता है ना ही बुजुर्ग महिलाएं और विकलांगों को कहीं बैठने की व्यवस्था है।श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 11 हजार स्क्वायर फीट जगह मंदिर के पास ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट द्वारा जमीन मंदिर प्रांगण के विस्तार के लिए खरीदी गई है।
लेकिन इसकी कोई कार्ययोजना नहीं बन सकी है। सबसे बड़ी चुनौति ध्वस्त यातायात व्यवस्था की है। जगह की कमी और अतिक्रमण प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरूवार को अपनी सरकार का कार्यकाल पूर्ण होने और विधानसभा चुनाव होने के परिणाम आने से पहले भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर आशीर्वाद लेने आ रहे हैं।