हरदा- भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव लड़ रहे वे सभी उम्मीदवार अपनी निक्षेप राशि या सुरक्षा निधि गंवा बैठेंगे जिन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में कुल डाले गये वैध मतों के छठवें हिस्से से कम या बराबर मत प्राप्त होंगे।
आयोग के निर्देशों के मुताबिक कुल वैध मतों के 16.66 प्रतिशत अथवा छठवें हिस्से से कम या बराबर मत मिलने पर उम्मीदवार द्वारा नाम निर्देशन पत्र के साथ जमा की गई निक्षेप राशि जब्त कर ली जायेगी। इस राशि को उसे वापस नहीं किया जायेगा। आम बोलचाल की भाषा में इसे जमानत जब्त हो जाना कहते हैं।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10 हजार रूपए और अनुसूचित वर्ग के प्रत्याशियों को 5 हजार रूपए की सुरक्षा निधि नामजदगी का पर्चा दाखिल करते वक्त जमा करानी होती है। व्यवस्था यह है कि उम्मीदवार यदि अपने विधानसभा क्षेत्र में पड़े कुल वैध मतों का 16.66 प्रतिशत हिस्सा (छठवां हिस्सा) भी हासिल न कर सके तो फिर उसके लिए अपनी यह जमानत राशि बचाना मुमकिन नहीं रह जाता।
निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि ‘नोटा‘ विकल्प के सामने डाले गये मतों को जमानत राशि लौटाने के प्रयोजनार्थ चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को प्राप्त कुल वैध मतों की गणना में शामिल नहीं किया जायेगा।