अहमदाबाद की साइंस सिटी वैश्विक मत्स्य सम्मेलन 2023 शुरू हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि मत्स्य पालन देश में उभरते हुए क्षेत्रों में से प्रमुख है। भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक राष्ट्र है।
केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने भारत के प्रत्येक राज्य को एक मछली अपनाने और उसकी जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए “भारत की राज्य मछली पुस्तिका” जारी की। पुस्तिका में राज्य मछली के रूप में अपनाई गई और राज्य जलीय पशु घोषित की गई 21 मछली प्रजातियों का विवरण है। अन्य प्रमुख प्रकाशन “मत्स्यपालन सांख्यिकी वर्ष हैंडबुक” भी जारी किया गया, जिसका उद्देश्य मत्स्यपालन क्षेत्र के लिए प्रमुख डेटा बिंदु और प्रदर्शन संकेतक प्रदान करना है, जिससे सभी के लिए सटीक और विश्वसनीय मत्स्यपालन डेटा उपलब्ध हो सके।
भारत 10 देशों के विदेशी मिशनों की कर रहा मेजबानी
मत्स्य विभाग के संयुक्त सचिव, सागर मेहरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मत्स्य पालन विभाग ने पहली बार इस पैमाने और परिमाण का कार्यक्रम आयोजित किया।
उन्होंने कहा कि यह मत्स्य विभाग (मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार) के लिए गर्व का क्षण है कि वह फ्रांस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, ऑस्ट्रेलिया, रूस, स्पेन, जिम्बाब्वे, अंगोला, ब्राजील और ग्रीस देशों के 10 विदेशी मिशनों; खाद्य एवं कृषि संगठन (यूएन-एफएओ), एशियाई विकास बैंक (एडीबी), डॉयचे गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल जुसामेनरबीट (जीआईजेड), बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम (बीओबीपी), समुद्री प्रबंधन परिषद भारत (एमएससी) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों; अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, गोवा और आंध्र प्रदेश राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों की मेजबानी कर रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने विशेष मंडप में प्रदर्शकों के साथ बातचीत की जिसमें एक्वैरियम, कृत्रिम चट्टानें, समुद्री शैवाल की खेती, मत्स्यपालन, समुद्री पिंजरे की संस्कृति, बायोफ्लॉक, आरएएस, मछली फ़ीड, एलपीजी कनवर्टर किट, मोती निष्कर्षण और न्यूक्लियस इम्प्लांटेशन, सेटकॉम उपग्रह के मॉडल, टर्मिनल संचार प्रणाली, पर्यावरण-अनुकूल चल कियोस्क, बहु-प्रजाति हैचरी आदि के प्रदर्शन शामिल थे।
सम्मेलन में विश्व मत्स्य पालन पुरस्कार किए गए वितरित