ऑफिस लेट पहुंचना..कामकाजी लोगों के साथ अक्सर ही ये वाकया पेश आ जाता है। कभी घर से निकलने में देरी हो गई तो कभी ट्रैफिक में फंस गए, कभी हड़बड़ाहट में कोई छूटा सामान लेने वापस घर भागना पड़ा तो कभी बच्चों की स्कूल बस छूट जाने पर उन्हें छोड़ने जाना पड़ा…ऐसे हजारों कारणों से कई बार दफ्तर पहुंचने में देरी हो जाती है और फिर बॉस का कोपभाजन बनना पड़ता है।
महंगा पड़ा देर से अदालत पहुंचना
अलग अलग जगहों पर देर से ऑफिस आने पर अलग अलग तरह के प्रावधान होते हैं। कहीं एक दो दिन की बात को नजरअंदाज़ कर दिया जाता है। कहीं सेलरी काट ली जाती है तो कहीं बॉस की डांट सुननी पड़ती है। लेकिन क्या कभी आपने ये सुना है कि देर से आने पर घास काटने की सजा दी गई है। जी हां..ये मामला सामने आया है महाराष्ट्र से। और ये सजा जिन्हें मिली हैं वो किसी प्राइवेट ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी नहीं..बल्कि दो पुलिसकर्मी हैं। हालांकि ये सजा उन्हें कोर्ट में सुनाई गई है।
घास काटने की सजा मिली
परवणी जिले में एक कॉन्स्टेबल और हैड कॉन्स्टेबल ने दो आरोपियों को पकड़ा था और अगली दोनों को अदालत में पेश किया जाना था। लेकिन दोनों पुलिसकर्मी उन आरोपियों को आधा घंटा देरी से यानी साढ़े लेकर कोर्ट पहुंचे। इस देरी से नाराज होकर न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दोनों पुलिसकर्मियों को घास काटने की सजा सुना दी। इस सजा को सुनकर पुलिसवाले हतप्रभ रह गए और उन्होने इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इस मामले में परभणी के प्रभारी एसपी ने बताया कि अब उचित कार्रवाई के लिए न्यायपालिका को विस्तृत रिपोर्ट भेजी गई है।