अनोख तीर, हरदा। कार्तिक माह की अक्षय नवमी के चलते मंगलवार को महिलाओं ने आंवले की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दिन सुबह से घरों घर तथा बाग-बगीचे, खेत व धार्मिक स्थलों पर महिलाओं की भीड़ रही। इस दौरान महिलाओं ने आंवला वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा की, वहीं पारंपरिक गीतों के मध्य आंवले को आस्था का सूत भी बांधा गया। इसके अलावा महिलाओं ने संयुक्त रूप से आवंला नवमीं की कथा भी सुनी। साथ ही घर-परिवार में सौभाग्य, सभी का अच्छा स्वास्थ्य तथा खुशहाली की मंगल कामना की है। पं. बनवारी लाल शर्मा के मुताबिक, कार्तिक शुक्ल की तिथि नवमीं पर महिलाएं आंवले के वृक्ष को पूजती हैं। वहीं नवमीं की कथा सुनकर उसके महत्व को एक-दूसरे के बीच साझा करती हैं। इससे घर-परिवार में सुख-समृद्धि एवं खुशहाली का संचार होता है। यही कारण है कि अन्य पर्वो की तरह आंवला नवमीं पर भी भक्तिभाव के साथ उपासना करती हैं। पं श्री शर्मा ने यह भी बताया कि आवंला नवमीं को प्रकृति की पूजन का पावन पर्व भी माना है। जिसका खासा महत्व है। इन्हीं धार्मिक आस्थाओं के बीच महिलाओं ने आंवले की पूजा, उसकी परिक्रमा तथा कथा सुनने के साथ ही इस मौके पर दान-पुण्य भी किया।
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