यह बात गलत है..

आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर मगरधा रोड पर पड़ने वाली पहली पुलिया है। जिसकी दयनीय हालत जहां जिम्मेदारों की तत्परता को दर्शाता है, वहीं टूटी-फूटी रेलिंग हादसे की वजह अलग बना हुआ है। बावजूद इसकी कोई सुध नही ली जा रही है। जानकारी के अनुसार मगरधा रोड स्थित रहटॉखुर्द से एक छोटी नदी बहती है। जिस पर पुलिया भी बनी है, जो बारिश के दिनों में जलमग्न हो जाती है। जिसके चलते आधा सैकड़ा गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटना लाजमी है। खैर, यह तो ग्रामीणों की वर्षो पुरानी समस्या है। परंतु हम बात कर रहे हैं जर्जर पुलिया की। इसके दोनों ओर लगी रेलिंग से जगह छोड़ते हुए अलग-अलग हिस्से में बंट गई है। स्थिति यह है कि पुलिया को देखकर हादसे की आशंकाएं जताई जा रही हैं। जबकि दूसरी तरफ यहां से आए दिन अधिकारियों का आना-जाना नलगा रहता है। इसके बाद भी उनकी नजर पुलिया ना पड़ना विचारणीय है। इस संबंध में ग्रामीणों का कहना है कि पानी के बहाव में रेलिंग क्षतिग्रस्त हुई है। जिसका लंबा समय बीतने के बाद भी सुधार – मरम्मत अथवा कोई पुख्ता इंतजाम नही हुआ है, जो कि ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल यह है कि देखने वाला कहना नही चूकता, कि यह बात गलत है।

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