विकास बड़वाह – बड़वाह विधानसभा के इतिहास में ऐसा कभी किसी विधायक के साथ नही हुआ ।जो पूर्व विधायक सचिन बिरला के साथ हुआ है ।इस बात का पूरा बड़वाह विधानसभा साक्षी है । यह इसलिए की अब तक भाजपा और कांग्रेस पार्टी में ऐसा नहीं हुआ, की कोई विधायक प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लडा और कुछ ही वोट से उसके सामने वाले प्रत्याशी से हारा ।जबकि एक बार निर्दलीय चुनाव हारा और उसके बाद कांग्रेस से टिकट हासिल कर करीब तीस हजार वोटो से जीता हो ।यही नहीं कांग्रेस से जीत हासिल करने के बाद करीब 12 माह की कांग्रेस सरकार में रहते हुए ।उन्होंने बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के विकास करने की मंशा जाहिर कर भाजपा का दामन थाम लिया । बिरला का भाजपा में सक्रिय होने के बाद भाजपा ने फिर एक बार टिकट देकर सचिन बिरला को मैदान में ला खड़ा किया ।
बड़वाह विधानसभा में दोनो पार्टी ने गुर्जर समाज में दिए टिकट —–
बड़वाह विधानसभा 182 में कांग्रेस और भाजपा दोनों के आला कमान ने दोनो ही टिकट गुर्जर समाज की झोली में डाले । अब भाजपा की तरफ से विस चुनाव में जीते पांच साल के अनुभवी विधायक प्रत्याशी और दूसरी तरफ कांग्रेस से राजनीति और जमीनी स्तर पर काम करने वाले सनावद से नरेंद्र पटेल मैदान में डटे है ।जबकि इस बार चुनाव काफी उत्साह भरा हो सकता है ।ऐसा इसलिए की इस बार क्षेत्र में सचिन बिरला के टिकट होने के पहले उनके विरोध के वायरल वीडियो और न्यूज भी काफी सुर्खियों में रही । ऐसी स्थिति में जनता किसके पक्ष में अपना मतदान करती है ।यह विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा में ही सामने आएगा ।हालाकी इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता । की टिकट दोनो पार्टी के तय हुए पहले कांग्रेस फिर भाजपा लेकिन चुनावी माहौल नगर में भाजपा के टिकट की घोषणा के बाद ही देखने को मिला ।
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