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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे बड़े समुद्री कार्यक्रम वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 का उद्घाटन करेंगे

नई दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 से 19 अक्टूबर तक मुंबई के एमएमआरडीए ग्राउंड में आयोजित हो रहे तीसरे वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 (जीएमआईएस 2023) का वर्चुअल रूप में उद्घाटन करेंगे। इस सबसे बड़े समुद्री कार्यक्रम का आयोजन पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।

शिखर सम्मेलन समुद्री क्षेत्र के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। सम्मेलन में भविष्य के बंदरगाह, कार्बन उत्सर्जन में कमी; तटीय पोत परिवहन और आईडब्ल्यूटी; जहाज निर्माण; मरम्मत एवं पुनर्चक्रण; वित्त, बीमा तथा मध्यस्थता; समुद्री क्लस्टर; नवाचार एवं प्रौद्योगिकी; समुद्री संरक्षा और सुरक्षा; समुद्री पर्यटन व अन्य विषयों पर विभिन्न सत्र तथा चर्चाएँ आयोजित की जायेंगी।

उद्घाटन सत्र में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत भाग लेंगे। इस सत्र में आर्मेनिया, बांग्लादेश, बेलारूस, कोमोरोस, ईरान, इटली, श्रीलंका, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, स्पेन और नेपाल सहित 12 देशों के मंत्री भी भाग लेंगे। इसके अलावा, सम्मेलन में 11 भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 16 मंत्री एवं उपराज्यपाल उपस्थित रहेंगे।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘यह न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक समुद्री समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन है। यहां शुरू की गई चर्चाएं दुनिया भर में समुद्री नीतियों और रणनीतियों को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित करेंगी।’

इस शिखर सम्मेलन में बेलारूस, बेल्जियम, भूटान, डेनमार्क, फ्रांस, ईरान, इटली, नीदरलैंड, रूस, सऊदी अरब, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, नॉर्वे, मैक्सिको, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 28 देशों के 115 अधिकारियों की भागीदारी की पुष्टि हुई है।

यह शिखर सम्मेलन भारत की समुद्री नीली अर्थव्यवस्था के अगले 25 वर्षों की योजना – ‘अमृत काल का विजन 2047′ – का अनावरण करने के एक मंच के रूप में कार्य करेगा। इस योजना में बंदरगाहों से जुड़ी सुविधाओं को बढ़ाने, टिकाऊ कार्यप्रणालियों को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से विभिन्न रणनीतिक पहलों की रूपरेखा का समावेश है। इस विजन के अनुरूप, इस शिखर सम्मेलन के दौरान 23,364 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया जाएगा।

कुल 27 देशों के 81 से अधिक अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं और 100 से अधिक भारतीय समकक्षों के साथ, यह शिखर सम्मेलन समुद्री उद्योग से जुड़ी विशेषज्ञता का एक केन्द्र बनने की दिशा में अग्रसर है। विश्व के 31 अग्रणी सीईओ सहित 3,000 से अधिक पंजीकृत प्रतिनिधि विभिन्न चर्चाओं में भाग लेंगे। निवेश के लिहाज से, इस आयोजन में 7.18 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि के 316 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का निष्पादन होगा, जिसमें लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये की 86 निवेश योग्य परियोजनाओं का समावेश होगा।

कुल 150 प्रदर्शकों के साथ एक व्यापक प्रदर्शनी और तकनीकी चर्चा, राज्य सत्र एवं अंतरराष्ट्रीय गोलमेज सहित 31 सत्रों वाला एक विस्तृत सम्मेलन कार्यक्रम, समुद्री उद्योग के भविष्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।

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