आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट कार्यालय की बॉथरूम है। जहां गंदगी के चलते लोगों का मुंह फेरना लाजमी है। दरअसल, स्वच्छ भारत अभियान का दामोरदार संभालने वाले ही अस्वच्छता के घेरे में दिखाई पड़ते हैं। कलेक्ट्रेट की प्राय सभी बॉथरूम इसकी कहानी बयां कर रही है। कहीं दीवारें थूकदान में तब्दील हैं तो कहीं वॉस बेसिन में टोटी नही है। बॉथरूम में अन्य व्यवस्थाएं भी तितर-बितर दिख जाएंगी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यही स्वच्छता की तस्वीर है ? यहां का ये हाल देखकर लोग क्या सोचते होंगे ? समेत अन्य सवाल सिर उठाये खड़े हैं। इस संबंध में शहर के जागरूक नागरिकों की मानें तो यह दुर्दशा लंबे समय से है। कुछ बॉथरूमों को सुरक्षित रखने के लिहाज से उनमें ताला जड़ना पड़ा। बता दें कि पूर्व में कलेक्ट्रेट परिसर में सार्वजनिक शौचालय का अभाव था। लेकिन अब ये कमी काफी पहले पूरी हो चुकी है। जिसके चलते भवन की बॉथरूमों में बाहरी लोगों का पहुंना कम हुआ है। ऐसे में इन सभी शौचालयों को व्यवस्थित करने का वक्त है। साथ ही शुरू से ही कड़े व सख्त निमयों की दरकार भी रहेगी। क्योंकि यहां की तस्वीर देखकर लोग सीधे बोल देते हैं, कि यह बात गलत है।
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