गणेश पांडे, भोपाल। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर संदीप फेलोज के अमर्यादित आचरण की जांच मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी से करने की सिफारिश की गई है। यह अनुशंसा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति ने की है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर कृष्णमूर्ति ने 24 अक्टूबर को मड़ई में आयोजित सहभोज के दौरान गरमा-गरम पूड़ी लाने में 40 मिनट की देरी होने पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पदस्थ प्रमोटी आईएफएस संदीप फेलौज द्वारा प्रभारी डिप्टी रेंजर एवं इको टूरिज्म में प्रभारी मड़ई लाखन सिंह पटेल के साथ गाली गलौज की घटना को सही पाया है। सूत्रों ने बताया कि फील्ड डायरेक्टर कृष्णमूर्ति ने मुख्यालय को भेजी अपनी प्रथम सूचना रिपोर्ट में सिफारिश की है कि मुख्यालय से वरिष्ठ अधिकारी को भेजकर जांच कराई जाए। यहां यह भी बताया जा रहा है कि फेलौज ने केवल डिप्टी रेंजर के साथ गाली-गलौज की, बल्कि वहां उपस्थित कुछ अन्य अधिकारियों के साथ भी बदतमीजी की है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर के अमर्यादित आचरण से रेंजर और एसडीओ भी प्रताड़ित है। एक एसडीओ ने बताया कि कई बार उन्हें भी उनके अपशब्दों की बौछार झेलनी पड़ी है।
क्या था मामला
यह घटना रविवार को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में हुई। मड़ई में 24 अक्टूबर को वन क्षेत्रपाल सुरसिंह कालबेलिया और भोलाराम पदम का विदाई सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। सम्मान समारोह के बाद वहीं पर सामूहिक भोजन का भी आयोजन था। कार्यक्रम में देर से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व उपक्षेत्र संचालक संदीप फेलोज भी पहुंचे। आईएफएस की ठशक में प्रभारी डिप्टी रेंजर एवं इको टूरिज्म में प्रभारी मड़ई लाखन सिंह पटेल को बुलाया और गरमा-गरम पूड़ी लाने का हुक्म दे दिया। डिप्टी डायरेक्टर का हुक्म का पालन करने के लिए लाखन पटेल पूड़ी लेने पहुंचा। तब पूड़ी कढ़ाई पर तली जा रही थी। पटेल को अपने साहब को गरमा-गरम पूड़ी पहुंचाने में विलंब हो गया। जब वह पूड़ी लेकर साहब के पास पहुंचा, तब तक डिप्टी डायरेक्टर आपे से बाहर हो गए थे। सभी कर्मचारियों के सामने प्रमोटी आईएफएस प्रभारी डिप्टी रेंजर को मां-बहन को संबोधित करते हुए भोपाली भाषा में गालियों की बौछार शुरू कर दी। इस हादसे के बाद से ही डिप्टी रेंजर सदमे में है।
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