अनोखा तीर, हरदा। इस बार के खरीफ फसल सीजन दौरान हरदा जिले के कितने कृषि रकबे में कौन सी फसल बोई है, और कौन सी फसल ज्यादा और कौन सी कम है। विगत वर्षों की तुलना में इस बार किस फसल का कितना उत्पादन होगा। ऐसी अनेक जानकारी शासन को नहीं मिल पा रही है। इसके आंकड़े तैयार न होने से समय पर शासन की योजना तैयार नहीं हो पाएगी, इसका नुकसान भी आम किसान को भुगतना पड़ सकता है। पटवारी हल्कों के आंकड़े नहीं होने से फसल नुकसानी और फसल बीमा की योजना प्रभावित होगी। गत 26-27 दिनों से प्रदेश में जारी पटवारी संघ की कलमबंद हड़ताल इसका प्रमुख कारण है। इसके नतीजन आमजन के कामकाज और सरकारी कार्य भी रुके हुए हैं। यहां भूमि विक्रय संबंधी अभिलेखों का पंजीयन न होने से शासन को मिलने वाला राजस्व भी रुका है। भू-अभिलेख की योजना मुताबिक 10 सितंबर तक गिरदावरी एप का कार्य होना था। यह कार्य भी ठीक से नहीं होने से किसाने की और रोजाना तहसीलों के चक्कर लगाना पड़ रहा है। इधर शासन स्तर से सुनवाई न होने के कारण पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल खत्म नहीं हो रही। इससे लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी है। हालात यदि नहीं सुधरे तो फसल नुकसानी मुआवजे और बीमा क्षतिपूर्ति को लेकर सरकार किसानों के कोप का शिकार हो सकती है। ध्यान रहे कि पटवारियों की सुनवाई न होने से वे कृषि उपज मंडी प्रांगण में अभी भी धरने पर जमे हुए है। मगर किसी स्तर पर भी उन्हें शासन से कोई आश्वासन नहीं मिला है।
Views Today: 4
Total Views: 38