अनोखा तीर, टिमरनी। माइनिंग विभाग द्वारा 13 सितंबर को सुबह-सुबह विकासखंड टिमरनी के ग्राम छिदगांव मेल में एक अवैध रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली का निरीक्षण किया गया। जिसमें किसी प्रकार के कागज रॉयल्टी आदि नहीं पाई गई जो अवैध रूप से ले जाई जा रही थी। माइनिंग अधिकारी द्वारा ट्राली को टिमरनी थाने में खड़ी करके प्रकरण बनाया गया है। ट्राली की जानकारी लेने पर पता चला कि यह ट्रैक्टर-ट्राली में रेत ठेकदार द्वारा ले जाई जा रही थी और माइनिंग अधिकारी के ट्रॉली के पास पहुंचते ही ट्रैक्टर ड्राइवर ने ट्रैक्टर छोड़कर भाग गया। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कपासी के ग्राम वरुणघाट में गौशाला का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत लगभग 38 लाख रुपए बताई जा रही है। जानकारों ने बताया कि लगभग 1 वर्ष से अधिक समय हो गया है इस गौशाला को बनते हुए परंतु अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है। उक्त ठेकेदार द्वारा बहुत ही लापरवाही पूर्वक कार्य किया जा रहा है। आज जैसे ही टिमरनी थाने में रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली लाई गई उसके पीछे-पीछे सब इंजीनियर सीबी सोनी भी आते दिखाई दिए और वे मीडिया के सामने ही माइनिंग अधिकारी से ट्राली छोड़ने हेतु सिफारिस करने लगे। उन्होंने जिला पंचायत और जनपद पंचायत अधिकारी का हवाला देकर ट्राली छोड़ने की बात कही। परंतु माइनिंग अधिकारी ने ट्राली नहीं छोड़ी और आगे कार्रवाई करने की बात कही। यह सब घटना से प्रतीत होता है कि ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का काम बहुत ही लापरवाही पूर्वक और बहुत ही बड़ी कमीशन खोरी को उजागर करते दिखाई देता है। क्योंकि जब किसी शासकीय निर्माण का कार्य कोई ठेकेदार कर रहा है तो यह उसकी जवाबदारी बनती है कि निर्माण कार्य में लगने वाली हर सामग्री की खरीदी करें और अच्छी क्वालिटी का निर्माण करे।
लेकिन आज जब देखा गया कि एक शासकीय कर्मचारी अवैध रेत से भरी ट्राली को छुड़वाने के लिए किस प्रकार प्रयास कर रहा था। निश्चित है कि इसमें उस कर्मचारी का भी कोई कमीशन प्रतिशत बंधा होगा या कोई बड़ा लेनदेन हो सकता है। वहीं सब इंजीनियर सीबी सोनी द्वारा यह भी कहा जा रहा था कि एसडीएम सर ने 60 ट्राली का टोकन दिया है जो बरूड़घांट गौशाला में जाना है। परंतु सूत्रों से पता चला है कि उक्त गौशाला में पूरा कार्य गंजाल की काली रेत से हुआ है। यह गौशाला गंजाल किनारे ही बनाई जा रही है। सूत्रों ने बताया कि उक्त गौशाला स्थल भी सब इंजीनियर सीबी सोनी द्वारा ही चयनित किया गया था। जब इस विषय को लेकर आरईएस विभाग के इंजीनियर सीबी सोनी से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
इनका कहना है
मेरे द्वारा कोई ऐसी परमिशन नहीं दी गई है।
– महेश बड़ोले, एसडीएम टिमरनी।
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