रूह के आईने में देख बशर, अक्स उसका जहां झलकता है

देवास- मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग के तत्वाधान में जिला अदब गोशा देवास द्वारा सिलसिला एवं तलाशे जौहर के तहत नूर देवासी, डॉ. इक़बाल बशर की स्मृति में विमर्श एवं रचना पाठ का आयोजन स्थानीय होटल में जिला समन्वयक मोईन ख़ान मोईन के सहयोग से किया गया। उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेहदी ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देवास में जिन महान हस्तियों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। उन दोनों का साहित्यिक योगदान अविस्मरणीय है। नूर देवासी फिल्मों में स्तरीय गीत लिखने की परंपरा के वाहक थे। उन्होंने अच्छी शायरी से कभी समझौता नहीं किया। लेखक व शायर डॉ. इकबाल बशर एक बेहद लोकप्रिय साहित्यिक पत्रिका अरबाबे क़लम के संपादक भी थे। उन्होंने मृत्यु पर्यन्त उक्त पत्रिका के माध्यम से साहित्य जगत को समृद्ध किया। देवास जिले के समन्वयक मोईन ख़ान मोईन ने बताया कि विमर्श एवं रचना पाठ दो सत्रों पर आधारित था।

प्रथम सत्र में  तलाशे जौहर प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें ज़िले के नये रचनाकारों ने तात्कालिक लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया। निर्णायक मंडल के रूप में उज्जैन के उस्ताद शायर समर कबीर एवं सीहोर के वरिष्ठ शायर रशीद शैदा मौजूद रहे जिन्होंने प्रतिभागियों शेर कहने के लिए दो तरही मिसरे दिए। दूसरे सत्र  सिलसिला के तहत विमर्श एवं रचना पाठ का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता देवास के वरिष्ठ साहित्यकार एवं शायर विक्रम सिंह गोहिल ने की। मुख्य अतिथि देवास के वरिष्ठ समाज सेवी डॉ. रईस क़ुरैशी उपस्थित थे एवं विशिष्ट अतिथि साहिल ख़ान उपस्थित थे। इस सत्र के प्रारंभ में देवास के साहित्यकारों मुमताज़ ख़ान और विक्रम सिंह गोहिल ने प्रसिद्ध रचनाकारों नूर देवासी और डॉ. इकबाल बशर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालन जय प्रकाश जय द्वारा किया। अंत में जिला समन्वयक मोईन ख़ान मोईन ने सभी अतिथियों, रचनाकारों एवं श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

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