शासन साधन दे रही है, सुविधा का लाभ संभलकर करें- कलेक्टर श्री वर्मा

सरस्वती विद्या मंदिर में स्कूटी प्राप्त करने वाले वाले होनहारों से रूबरू हुए

खरगोन – कलेक्टर  शिवराज सिंह वर्मा का शिक्षा के प्रति रूझान अलग ही दिखाई पड़ता है। वे जब भी भ्रमण पर रहते हैं, स्कूल में अवश्य जाते हैं।  वे जिले की प्रत्येक स्कूल के टॉपर विद्यार्थी यानि स्कूटी प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से रूबरू हुए। अवसर पालक और विद्यार्थियों के साथ सरस्वती विद्याा मंदिर में बैठक का था। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि एक जमाना था, जब विद्यार्थियों को कुछ नहीं मिलता था। आज मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान विद्यार्थियों के उत्साह वर्धन के लिए उनको आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। पहले लैपटॉप योजना, मेघावी विद्यार्थी छात्रवृत्ति योजना, साइकिल योजना और अब स्कूटी योजना चला कर प्रदेश की प्रतिभा का सम्मान कर आगे बढ़ाने के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है। अब आपका दायित्व है कि आप शासन की योजनाओं का लाभ उठाकर समाज और प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे। उन्होंने आगे कहा कि विद्यार्थी जीवन अनमोल है आप जैसा स्वयं को गड़ोगे वैसा ही बनोगे कठिन कुछ नहीं है यह मन का भय है जब किसी विषय का बेसिक समझ जाओगे तो वह सरल लगने लगेगा जो विद्यार्थी विषय का अध्ययन गहराई से कर बेसिक को क्लियर कर लेते हैं तो उन्हें कठिन भी सरल लगने लगता है। कलेक्टर श्री वर्मा ने स्कूटी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि शासन आपको स्कूटी के रूप में साधन दे रही है इसका इस्तेमाल सुविधा के तौर पर करें। ऐसा न हो कि इसका उपयोग भगाने, रेस लगाने या अन्य कार्यों में करें। इस दौरान संयुक्त कलेक्टर व प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती हेमलता सोलंकी, प्रधान लिपिक राकेश गुप्ता, प्राचार्य अल्केश राठौर, प्राचार्य कमल पंवार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन हबीब बैग मिर्जा ने किया तथा आभार नोडल अधिकारी डीके गुप्ता ने व्यक्त किया।

पेट्रोल स्कूटी के लिए 90 हजार और ई-स्कूटी के लिए 1 लाख 20 हजार प्राप्त होंगे

मप्र शासन द्वारा कक्षा 12वीं में शासकीय स्कूलों में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। इसमें पेट्रोल स्कूटी के लिए अधिकतम ़90 हजार रूपये और ई-स्कूटी के लिए अधिकतम 1 लाख 20 हजार रूपये प्रदान किए जाएंगे। पूर्व शिक्षा अधिकारी  हेमंत वडनेरकर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह स्कूटी लर्निंग लायसेंस होने पर ही दी जाएगी। पालकों से कहा गया कि अपनी आवश्यकता अनुसार पेट्रोल या ई-स्कूटी का विकल्प चुन सकते हैं। दिव्यांगजन जो टॉपर होंगे उनके लिए भोपाल स्तर से मार्गदर्शन मांगा जाएगा, हालांकि जिले में कोई भी दिव्यांगजन टॉपर विद्यार्थी नहीं है। जिले के 176 टॉपर विद्यार्थियों को योजना का लाभ दिया जाएगा।

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