सांझा चूल्हा रसोइयों की हड़ताल से आंगनबाड़ी और शालाओं में बच्चो को नही मिल रहा भोजन

देवास- जिले की आंगनबाड़ी, प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं में भोजन बनाने वाले स्व सहायता समूह की महिलाएं हड़ताल पर होने से बच्चों को मिलने वाला खाना बंद हो गया है।  एक साथ सभी केन्द्रों और शालाओं में मध्यान्ह भोजन व सांझा चूल्हा में खाना बनाना बंद कर दिया है। प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ के आव्हान पर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले की 3300 महिलाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। हड़ताल पर बैठी महिलाए मण्डुक पुष्कर पर हाथों में थाली चम्मच बजाकर धरना दे रही है। हड़ताल  9वें दिन भी जारी रही। महासंघ जिलाध्यक्ष ज्योति अर्जुन बैरागी ने बताया कि हड़ताल के पीछे मुख्य वजह मानदेय है, साथ ही शासन की ओर से दिए जाने वाले राशन की पर्याप्त मात्रा प्राप्त नहीं होना। सांझा चूल्हा कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी में भोजन बनाने वाली महिलाओं को केवल 500, वहीं प्राथमिक व माध्यमिक शाला में भोजन बनाने वाली महिलाओं को केवल दो हजार रुपए दिया जा रहा है, जो बेहद कम है। इन्हें कलेक्ट्रेट रेट पर मानदेय मिलना चाहिए।

500 की जगह दो हजार रुपए, वहीं 2000 का मानदेय प्राप्त करनी वाली महिलाओं को 9 हजार प्रतिमाह मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा की भोजन बनाने के लिए शासन की ओर से जितना राशन दिया जाता है। उससे 40 प्रतिशत कम राशन मिलता है, जिसे बढ़ाया जाए। हड़ताल के कारण आंगनबाड़ी, प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं में आने वाले बच्चों को बिना खाना खाए जाना पड़ रहा है। यदि शासन हमारी शीघ्र मांगे नही पूरी करता है तो हम भूख हड़ताल पर बैठ जाएगी। हड़ताल पर बैठी महिलाओं ने बताया कि हमार हड़ताल को 9 दिन हो चुके है। सरकार हमारी मांगे पूरी नही कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हड़ताल खत्म करने दबाव बनाया जाकर हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। हड़ताल के दौरान मीडिया प्रभारी अशोक सिलोदिया, भगवंता चौहान, प्रेमलता, हेमलता चौहान, कृष्णा सिलोदिया, सकु भारतीय, रूबिना शेख, मंजू बाई, पूजा सिलोदिया सहित महासंघ की महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थी।

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