मां नर्मदा के तट पर कथा श्रवण का विशेष महत्व : पं. प्रदीप मिश्रा

अनोखा तीर, नेमावर। भागवत महाग्रंथ तो कल्याण करती ही है। मां नर्मदा के पावन तट पर नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में संतों के दर्शन के साथ कथा श्रवण करने का अवसर पावन सौभाग्य है। कथा का रस पत्र श्रवण करने के पूर्व आपको अपने गुरु के दर्शन होते हैं। जिससे मन के सारे विकार स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। मन, धर्म के साथ कर्म की ओर लग जाता है। यह धार्मिक उद्गार राष्ट्रीय कथावाचक संतश्री पं. प्रदीप मिश्रा ने मंगलवार को नेमावर स्थित श्री बालमुकुन्द सेवाश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा दौरान कही। पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भागवत महाग्रंथ, संत व गुरु का सानिध्य है। जो त्रिवेणी संगम जैसा मनमोहक लगा। गया बिहार पीठाधीश्वर स्वामी वेकंटेश प्रपन्नाचार्यजी के श्रीमुख से कथा श्रवण के साथ नित्य संतो के दर्शन प्राप्त होना परम सौभाग्य है। राजा परिक्षित को अपनी मौत से बेचैन देख शुकदेव मुनि ने कहा राजन कितने समय से भटक रहे हो। राजा परिक्षित ने कहा गुरुदेव जिस दिन से जन्म हुआ, अब शरणागति चाहिए। पं. मिश्रा ने समझाया कि सप्ताह में सात दिन होते हैं किंतु परिवार इसमें आठवा दिन है। कथा श्रवण के दौरान यह याद नहीं आना चाहिए। तभी मन चित्त शांत होगा और जीवन सार्थक होगा। प्राचीन पीठ जैसे रामानुज सम्प्रदाय हजार वर्ष पुरानी सहित अन्य प्राचीन पीठ के गुरुओं से दीक्षा लो। यही तुम्हारा मार्ग प्रशस्त करेगे। असली गुरु भी अपने चेले को धर्म, कर्म की बात के साथ हरि स्मरण का मार्ग प्रशस्त करता है। नागौरिया पीठाधिश्वर स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज ने कहा पं. प्रदीप मिश्रा ऐसा व्यक्तित्व है, जिसने नगर-नगर, गांव-गांव में सनातन का शंखनाद कर दिया। लोग चमत्कार देखकर धर्म की तरफ आकर्षित होते हैं, किंतु, आपने ऐसा उपदेश किया कि सभी मंदिर जाने लगे। कथा के प्रारंभ में व्यासपीठ से गया बिहार पीठाधिश्वर स्वामी श्री वेंकटेश प्रपन्नाचार्यजी महाराज ने गोपी-विरह के भावपूर्ण प्रसंग समझाया। स्वामीजी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज ने कहा कि कार्यक्रम में विधायक आशीष शर्मा भी व्यवस्तता के साथ सेवा में लगे रहे। कार्यक्रम में मप्र शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल भी उपस्थित रहे। प्रारंभ में स्वामी विष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज के सानिध्य में गिरधर बियाणी, मनोज होलानी, राधेश्याम धूत, गोपालदास सिंगी, रूपेश सिंगी, राजेश सिंघल, विष्णुप्रसाद धूत आदि लोगों ने व्यासपीठ का पूजन किया। बता दें कि यहां आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने के लिए पंडित मिश्रा मंगलवार को नेमावर पहुंचे थे। उनके आगमन की खबर सुनकर हरदा और देवास दोनों जिलों से श्रद्धालुओं का घाट पर तांता लग गया था।

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