अनोखा तीर, भोपाल। राज्य वन सेवा के 13 अधिकारियों को आईएफएस अवार्ड के लिए भेजे गए प्रस्ताव में कई दागी अफसरों के नाम भी शामिल है। इसमें पहला नाम रामकुमार अवधिया का है, जिनके खिलाफ एक नहीं, कई मामलों की विभागीय जांच चल रही है। इसके अलावा सीनियरिटी की लड़ाई लड़ रहे विद्याभूषण मिश्रा का नाम पैनल में नहीं भेजा गया है। इसी तरह से और भी विवादित नाम भेजे गए हंै, जिसके कारण विभाग द्वारा भेजा गया प्रस्ताव विवादों में आ गया है। विभाग द्वारा भेजी गई सूची में पहला नाम रामकुमार अवधिया का है। यह लंबे समय से विभागीय जांच के कारण आईएफएस नहीं बन पा रहे हैं। प्रस्ताव में चौथा नाम प्रियंका चौधरी का है। इनके खिलाफ भी विभागीय जांच चल रही है। अपनी सीनियर अधिकारी राखी नंदा को व्हाट्सएप पर अमर्यादित और असंसदीय मैसेज भेजने के मामले में जांच चल रही है। प्रारंभिक जांच में इको पर्यटन बोर्ड की सीईओ और तत्कालीन एपीसीसीएफ विजिलेंस समिता राजौरा ने प्रियंका चौधरी को कसूरवार मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। उनकी सिफारिश पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है। इसी प्रकार मनोज कटारिया के खिलाफ भी अनियमितता का मामला चल रहा है। सीधी में पोस्टिंग के दौरान गड़बड़ी के चलते उन्हें निलंबित भी किया गया था। सुरेश कुमार अहिरवार के खिलाफ न्यायालय में दहेज प्रताड़ना का मामला लंबित है। हेमलता शाह ने एसीआर सुधार के लिए अभ्यावेदन दिया है। मामला विचाराधीन है। डॉ.कल्पना तिवारी के खिलाफ चैन लिंक खरीदी के मामले की जांच चल रही है। तब वे छतरपुर में पदस्थ थीं।
इनके नामों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा
वन विभाग की ओर से तेरह आईपीएस पदों के लिए राज्य वन सेवा के 39 अफसरों के नाम भेजे हैं। इनमें प्रमुख नाम है रामकुमार अवधिया, मनोज कटारिया, हेमलता शाह, प्रियंका चौधरी, आशीष बंसोड़, विद्या भूषण सिंह, गौरव मिश्रा, तरुणा वर्मा, डॉ.कल्पना तिवारी, हेमंत यादव, सुरेश कुमार अहिरवार, राकेश कोडापे, प्रीति अहिरवार, लोकेश निरापुरे, राजाराम परमार, करण सिंह रंधावा, माधव सिंह मौर्य, हरिशचंद बघेल, संतोष कुमार रनछोरे, शीतल प्रसाद शाक्य, शंकरलाल यादव, बालकराम श्रीशाम, भानु प्रकाश बाथम, रामकृष्ण सोलंकी और रेशम सिंह धुर्वे प्रमुख है।
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