राधेश्याम सिन्हा, बैतूल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भर की बहनों के भाई है तो बच्चों के मामा है परंतु हम जैसे बुजुर्गों के लिए वे श्रवण कुमार हंै। आज के दौर में जहां संगे मां-बाप, बेटे-बेटियां या अन्य करीबी संबंधी रिश्तेदार एक-दूसरे का ख्याल नहीं रख पा रहे हैं। वह जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके वृद्धजनों का सुध लेते हुए तीर्थ यात्रा करवा रहे हंै। ऐसे प्रदेश के मुखिया को श्रवण कुमार कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं है। यह उद्गार 68 वर्षीय रामराव महाले ने व्यक्त किए हंै। जिन्होंने एक माह पूर्व ही मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत मथुरा वृंदावन का धाम हवाई जहाज से किया है। कुछ इसी तरह के विचार इस यात्रा में शामिल अन्य बुजुर्गों ने भी व्यक्त किए हैं। जिनके तीर्थ यात्रा करने की सपना मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना से साकार हुए हैं। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना वर्ष 2012 में शुरू हुई है। लेकिन इस योजना का लाभ बैतूल जिले को पहली बार वर्ष 2018 में 25 अप्रैल को 221 बुजुर्ग महिला-पुरुषों को मिला। इन बुजुर्गों का जत्था 5 दिनों में जगन्नाथ पुरी की यात्रा कर के सकुशल लौट थे और फिर इसी वर्ष यानी 2018 में ही लगभग 1 वर्ष में जिले के अन्य सैकड़ों बुजुर्गों को 10 बार अलग-अलग तीर्थ स्थलों की यात्रा ट्रेन और बस से करने का अवसर मिला है। इसके बाद यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। लेकिन वर्ष 2019 में 5 बार और 2022 में बैतूल जिले के वृद्धजनों को सिर्फ 2 बार मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा का लाभ मिला है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2019 के बाद 2020 और 2021 में शासन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से स्थगित किया गया था। परंतु वर्ष 20-22 से फिर से शुरू हो चुका है। वैसे नवंबर 2019 में दो बार यात्रा करने का अवसर बैतूल वालों को मिला था। उसके बाद सितंबर और अक्टूबर 2022 में दो बार तथा फरवरी 2023 में भी दो बार तीर्थ यात्रा करने का अवसर इस जिले के वृद्धजनों को मिल चुका है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा योजना के बैतूल जिले के नोडल अधिकारी जिला पंचायत के वरिष्ठ लेखा अधिकारी इंद्रा मेहतो ने बताया कि इसी वर्ष 2 अगस्त को 150 लोगों का समूह द्वारका दर्शन के लिए निकलेंगे जिसका चयन कर लिया गया है। इसी तरह 14 सितंबर को फिर से द्वारिका के लिए 200 लोगों की समूह यात्रा के लिए निकलेंगे जिनकी तैयारी कर ली गई है। वहीं 16 सितंबर को 150 लोगों का जत्था रामेश्वरम जाएंगे और फिर 8 अक्टूबर 2023 को फिर से रामेश्वरम यात्रा के लिए 150 लोगों का चयन किया गया है। नोडल अधिकारी श्रीमती महतो ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन की इस अति महत्वकांक्षी योजना के लिए शासन स्तर पर सारी व्यवस्थाएं की जाती है। बैतूल जिले में भी कलेक्टर अमन वीर सिंह बैस और जिला पंचायत सीईओ अभिलाष मिश्रा इस योजना को लेकर संवेदनशील रहते हैं।
60 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए है यह योजना
वर्ष 2012 में शुरू हुए इस मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा योजना का उद्देश्य मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है। जिनकी उम्र 60 वर्ष या इससे अधिक हो उनके लिए लागू किया गया है। ऐसे वरिष्ठजनों को उनके जीवनकाल में एक बार प्रदेश अथवा प्रदेश से बाहर विभिन्न धार्मिक स्थलों की यात्रा कराया जाता है। जिसके तहत बुजुर्ग महिला एवं पुरुषों को तीर्थ यात्रा सुलभ कराए जा रहे हैं। यह यात्रा पूर्णत निशुल्क है और यात्रा को सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराए जाते हैं। इस यात्रा में खास बात यह भी है कि 65 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्गों के लिए उन्हें एक अटेंडेंट रखने की छूट भी दी गई है।
बैतूल के 12269 बुजुर्ग कर चुके तीर्थ यात्रा
शासन और सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के बैतूल जिले में क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारियों के अलावा जिला पंचायत के कर्मचारी राजेंद्र जैन का दायित्व भी तारीफ ए काबिल है। मिली जानकारी के अनुसार श्री जैन द्वारा इस योजना के प्रचार-प्रसार से लेकर जिन वृद्धों को जिनकी 65 से 85 तक के होती है। जिसके चलते उन्हें आवेदन फार्म भरते नहीं बनते उनको वे खुद सहयोग करते हैं। इसके अलावा भी वे लीग से हटकर मदद करते हैं। राजेंद्र जैन ने बताया कि अबतक इस योजना के तहत जिले से नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर लगभग 12,269 वृद्धजन तीर्थ धाम कर चुके है।
29 ने की हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा
इस योजना के बैतूल जिले के नोडल अधिकारी इंद्रा मेहतो ने बताया कि हवाई जहाज से यात्रा करने के लिए कुल 32 वृद्धजनों का चयन हुआ था। जिसमें तीन की तबियत ठीक नहीं होने के कारण 29 लोगो को 24 मई को बैतूल से बस से भोपाल के लिए रवाना किए थे। और 25 मई को भोपाल से हवाई जहाज से मथुरा वृंदावन के लिए रवाना हुए थे। इन तीर्थ यात्रियों को बैतूल में सांसद डीडी उईके, जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार, कलेक्टर अमनवीर सिंह बेस, सीईओ अभिलाष मिश्रा ने स्वागत सत्कार कर रवाना किए थे। वहीं भोपाल में मध्य प्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग एयरपोर्ट तक छोड़ने गए थे।
इन तीर्थ धामो की हो चुकी यात्रा
जिला पंचायत कर्मचारी और इस योजना के मानिटरिंग की जिम्मेदारी निभा रहे राजेंद्र जैन ने बताया कि अब तक मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत बैतूल जिले से पांच बार जगन्नाथपुरी, छह बार रामेश्वरम, सात बार तिरुपति, तीन बार द्वारकापुरी, एक बार शिर्डी, दो बार काशी बोधगया प्रयागराज, एक बार वेलंगनी नागपट्टनम चर्च तामिलनाडू, एक बार मदुरई, एक बार सोमनाथ और एक बार अयोध्या धाम हुए हैं।
व्यवस्था तारीफे काबिल
खान-पान, वाहन और ठहरने की बेहतरीन व्यवस्था की जाती है। हवाई जहाज से तीर्थ तीर्थ यात्रा कर लौटे रामराव महाले ने बताया कि बुजुर्गों के स्वास्थ्य के अनुकूल पीने का पानी से लेकर पाच्य भोजन की व्यवस्था की गई थी। वृद्धजनों की देख भाल के लिए एक डॉक्टर के अलावा चार-चार अनुरक्षक तैनात किए गए थे। 73 वर्षीय तीर्थ यात्री जीआर अड़लक के अनुसार व्यवस्था लाजवाब थी।
मेहतो मेम के कायल हुई बुजुर्ग महिलाएं
25 मई 2023 को मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत बैतूल से जिन 29 वृद्धजनों ने हवाई जहाज से यात्रा की हैं उसमें 9 महिलाएं शामिल थी। इन महिलाओं में कुछ महिलाओं ने इस प्रतिनिधि को बताया कि बैतूल जिला पंचायत में पदस्थ इस योजना की नोडल अधिकारी इंद्रा मेहतो की मधुर व्यवहार से इतना प्रभावित हुए कि वे सभी मेहतो मेम को तीर्थ यात्रा में साथ चलने के लिए आग्रह करने लगे थे। बताया गया है कि मेहतो मेम के व्यवहार से इस तरह हर बार तीर्थ यात्रियों को वे अपने व्यवहार से प्रभावित कर लेते हैं। इसीलिए तीर्थ यात्रा करने वाली महिलाएं मेहतो मैम की कायल हो जाती हैं।
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