कियोस्क संचालक बना रहे फर्जी जन्म प्रमाण पत्र

अनोखा तीर, सिराली। आपका जन्म तहसील सिराली में हुआ है और जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है तो चिंता न करें। चंद रुपए खर्चकर आप सिराली स्वास्थ्य केंद्र का जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं। क्षेत्र में जन्म प्रमाण पत्र को लेकर बड़े पैमाने पर इस तरह का फर्जीवाड़ा चल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार से पंद्रह सौ रुपए लेकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। ग्रामीणों के पास दस्तावेज नहीं होने पर आधार कार्ड और वोटर आईडी बनाने में परेशानी होती है। ऐसे में कियोस्क और कम्प्यूटर ऑपरेटर इसका फायदा उठाकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर दे रहे हैं। वनांचल के सैकड़ों लोग हैं। जिनके प्रमाण पत्र फर्जी हैं। आदिवासी बहुल क्षेत्रों में 30 से 40 साल के लोगों के भी नए जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। जबकि नियम से किसी भी व्यक्ति का जन्म प्रमाण पत्र उसके जन्म स्थल पर ही जारी होता है। शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत यह प्रमाण पत्र जारी करती है। किंतु शहरी क्षेत्र में अब जन्म प्रमाण पत्र का खेल जोरों पर चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कियोस्क सेंटर संचालक लोगों से मोटी रकम लेकर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का कार्य कर रहे हैं। ऐसा ही मामला विगत दिनों स्वास्थ्य केंद्र सिराली में देखने को मिला था। जिसकी जांच चल ही रही थी कि गुरुवार को एक और मामला सामने आया है। जिसमें आदिवासी क्षेत्र के युवक का फर्जी आईडी से जन्म प्रमाण पत्र बना कर दिया गया है। मामले का खुलासा तब हुआ उक्त व्यक्ति स्वास्थ्य केंद्र में रबर स्टांप लगवाने पहुंचा। तब वहां उपस्थित स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर आरके चौधरी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जांच की तो पता चला कि यह प्रमाण पत्र फर्जी है। उक्त व्यक्ति की जांच के लिए जैसे ही पुलिस को बुलाया तब तक उक्त व्यक्ति फरार हो गया। प्रमाण पत्र ओंकार प्रसाद के नाम से बनाया गया है। जिसमें जन्म तारीख 1 जनवरी 2010 जारी करने की तारीख 28 मार्च 2010 एवं अपडेट 29 जून 2023 दर्शाई गई है। जारी करने वाले अधिकारी डॉक्टर संदीप पटेल के नाम से है। जबकि 2010 में संदीप पटेल यहां पर इस पद पर ही नहीं थे। फर्जी तरीके से इस प्रकार जाति प्रमाण पत्र का कार्य तेजी से चल रहा है।
आधार अपडेट कराने में पढ़ती है जरूरत
जब किसी को अपना आधार अपडेट यह त्रुटि सुधार कराना होता है ऐसे समय में जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है और जन्म प्रमाण पत्र ना होने की दशा में त्रुटि सुधार नहीं होता। यही वजह है कि कियोस्क संचालक जरूरतमंद लोगों को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मनमाने दाम पर बना कर दे देते हैं। जिससे कि आधार अपडेट हो जाता है। इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने के लिए ऐसे फर्जी कियोस्क संचालकों की जांच की आवश्यकता है। जहां-जहां भी आधार अपडेट हुए हैं और उनमें जो दस्तावेज का उपयोग किया है अगर उसकी जांच की जाए तो एक बड़ा गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। जानकारी के अनुसार सिराली क्षेत्र में कियोस्क सेंटरों में जन्म प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाए गए हैं और इसके आधार पर सैकड़ों की संख्या में आधार कार्ड भी फर्जी तरीके से अपडेट किए गए हैं जिसकी जांच की आवश्यकता है। सूत्रों की माने तो इस मामले में पुलिस का साइबर सेल और प्रशासन की सख्ती से छानबीन हो तो जन्म प्रमाण पत्र के नाम पर लाखों रुपयों की कालाबाजारी और शासन प्रशासन के साथ की जा रही धोखाधड़ी का खुलासा हो सकता है। मामले में चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आरके चौधरी ने बताया कि विगत माह फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला आने पर संबंधितो की सूचना विभागीय पत्र द्वारा संज्ञान में लाए थे। इससे पूर्व की दूसरे व्यक्ति को रोकते वह फरार हो गया।

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