गरीबों का सम्मान और उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री दशमत से मिलकर घटना पर दुख व्यक्त किया और माफी माँगी
यह दशमत जी के दुख और पीड़ा को बाँटने का प्रयास

जनता ही मेरी भगवान और जनता की सेवा भगवान की पूजा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि जनता ही मेरी भगवान है और जनता की सेवा भगवान की पूजा है। हम यह मानते हैं कि हर इंसान में भगवान निवास करते हैं, दरिद्र ही नारायण है। श्री दशमत के साथ हुए अन्याय से मेरा मन, दर्द और पीड़ा से भरा है। मन की व्यथा और पीड़ा को कम करने के लिए ही मैंने श्री दशमत को निवास बुलाकर उनके पैर धोए और पानी माथे से लगाया, जिससे मेरी व्यथा और दर्द कम हो सके।

अन्यायी का कोई धर्म-जाति-पार्टी नहीं होती

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, जो अन्याय करता है उसका कोई धर्म-जाति-पार्टी नहीं होती, जिसने अन्याय किया है उसको कड़ी सजा मिली। जिसके साथ अन्याय हुआ है उसे दिल से लगाकर उसकी पीड़ा कम करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा हम सब एक ही चेतना से बने हैं, ईश्वर ने हम सबको बनाया है। हम सब, अपने गरीब भाई-बहनों के प्रति मानवीयता, करुणा, प्रेम, दया और संवेदना से भरे रहें। गरीब का भी आत्म-सम्मान होता है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि सबको सम्मान और सुरक्षा मिले।

जो भी गरीबों के साथ गड़बड़ करेगा उसे कठोरतम सजा मिलेगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री दशमत के पैर धोना, गरीबों के प्रति मेरी संवेदना और उनके प्रति सेवाभाव का संकेत है। गरीब की इज्जत हमारे लिये सबसे बड़ी है। जनता, शासन, प्रशासन को यह भी स्पष्ट संदेश है कि गरीबों के साथ यदि कोई गड़बड़ करेगा तो उसे कठोरतम सजा मिलेगी। गरीबों का सम्मान और उनकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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