खंडवा- मध्यप्रदेश में मानसून की देरी और महाराष्ट्र में ज्यादा बरसात के कारण सब्जियों का सरताज टमाटर हो गया है। खंडवा में अच्छा सुर्ख टमाटर 160 रुपए बिका। इसे देखकर हरी सब्जियों के भाव भी आसमान चढ़ गए। आलू-प्याज ही लोगों की पहुंच तक बचे हैं। कद्दू और लौकी छोड़ कोई सब्जी पच्चीस रुपए पाव से कम नहीं है। हरी मिर्ची जो बीस रूपए में कभी बिकती थी। अब 40 रुपए पाव बोली जा रही है। दस रुपए में मिर्ची या हरी धनिया नहीं मिल रही है।
सब्जियों की कम आवक व फसल खेतों में नहीं होने से दामों में इजाफा हुआ है। टमाटर के भाव सबसे ज्यादा हैं। आवक कम होने तथा दामों में तेजी आने के कारण स्टोरेज में जमाखोर भी सक्रिय हो गए हैं। स्थानीय सब्जी मंडी में जिले के अतिरिक्त पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र, उड़ीसा, गुजरात से इंदौर मंडी के रास्ते सब्जियां पहुंच रही हैं। खंडवा में बे-सीजन सब्जियां नासिक से आती हैं।
दालें भी महंगी
मानसून में देरी के कारण सब्जियों के उत्पादन पर भी असर हुआ है। उत्पादन कम होने के कारण मंडी में सब्जियों की आवक भी कम हो गई है। टमाटर, लौकी, गिलकी तक ही मध्यमवर्गियों की पहुंच बन पा रही है। महंगाई की मार से परेशान लोगों को किसी भी तरफ से राहत नहीं मिल पा रही है। तुअर दार भी 150 के पार है, लेकिन 150 ग्राम में पांच लोगों का पेट भर सकती है।
बिगड़ा बजट
रसोई का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है। मानसून में देरी से इसका सीधा असर सब्जी मंडी पर पड़ा है। मंडी में सब्जी की आवक कम हो गई है। इसके चलते हरी सब्जियों के भाव बीते कुछ दिनों से दो-गुने हो गए हैं। इससे रसोई का बजट बिगड़ गया है।
गरीब की थाली से हरियाली गायब
गरीब की थाली से हरी सब्जी गायब होने लगी है। लोगों की आम जरूरत वाली हरी मिर्च के दामों में आग लगी हुई है। पिछले एक सप्ताह के दौरान हरी मिर्च का भाव तीन गुना हो चुका है। बाजार में बारिश के सीजन में सब्जियों के भाव चढ़े नजर आ रहे हैं। पिछले सप्ताह तक बाजार में बिक रही सब्जियों के दामों में जबरदस्त उछाल आया है। हरी सब्जियों जैसे लौकी कद्दू, बैंगन, भिंडी, बंदगोभी आदि के दाम भी कई गुना तक बढ़ गए हैं।
रुला रही हरी मिर्च
एक पखवाड़े पहले सौ रुपयों की खरीदी गई सब्जी से झोला भर जाया करता था, अब सब्जियों के दाम बढऩे से लोगों का झोला खाली रहने लगा है। भोजन की थाली में तीखेपन के अहसास कराने वाली हरी मिर्च की कीमतों में तीखापन नजर आया। बाजार में बीस रूपए किलो बिकने वाली हरी मिर्च 160 रूपए प्रतिकिलो तक पहुँच गई है। हरी सब्जी के बगैर भोजन की थाली खाली दिखाई देती है।
भाव सुन चौंक जाएंगे
मंडी में सब्जियों के दाम स्थानीय मंडी के सब्जी विक्रेता के अनुसार टमाटर 160 रूपए, फूलगोभी 100, परवल 120, टिंडे 60, भिंडी 40, गिलकी 80, ककड़ी 60, करेला 80, गाजर 60 रूपए, कद्दू 40 रूपए, हरी मिर्च 160 रूपए, हरा धनिया 200 रूपए, अदरक 250 रूपए, लहसन 200 रूपए किलो चिल्लर में बिक रहे हैं।
फ्रेश टमाटरों में अंदर सफेद इल्लियाँ?
बारिश शुरू होने के साथ टमाटर की लोकल आवक पूरी तरह से बाजार में बंद है। थोक सब्जी मंडी में इन दिनों टमाटर की आवक बनी हुई है। यह टमाटर बड़े बड़े कोल्ड स्टोर और पॉलिफार्मिंग फर्म से आ रही है, जहां सूर्य की किरणें टिक नहीं पातीं। यहां से आ रहे कई टमाटर पर बारिश के कारण कीड़े हो गए हंै,जो बाजार में खप रहा है।
कई जगह बिकने वाले टमाटर में कुछ ऐसे भी हैं, जो ऊपर से ठीक दिखते हैं, लेकिन अंदर से खराब मिलते हैं। सफेद कीड़े हो गए हंै, जो सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है। टमाटर के अंदर कीड़े सीधे सब्जी में जा सकते हंै और इससे दिमाग और शरीर पर बहुत घातक असर पड़ सकता है। आपको अगले 15दिन के लिए टमाटर खाना छोड़ देना चाहिए, ताकि वो टमाटर जो सड़ने वाले हैं, वो सड़ जाएं।
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