अनूठी पहल: युवा ने अपने विवाह पर शहीद परिवारों के लिए दी 1 लाख 11 हजार की राशि

देश में संभवत: पहला मामला, शहीद समरसता मिशन को सौंपा राशि का चैक

भैरूंदा। देश की रक्षा के लिए सीमा पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को नमन तो किया जाता है लेकिन उनके परिवारों की सुध नही ली जाती। जिसके चलते शहीद परिवार अनदेखी का शिकार हो जाता है और उसे कई परेशानियों से जूझना होता है। हालांकि सरकार के द्वारा इन परिवारों की सुरक्षा व व्यवस्था के लिए कार्य किया जाता है। लेकिन यदि एक आम युवा इन परिवारों के बारे में सोचकर अपनी शादी में खर्चे की कटौती कर शहीद परिवार के लिए एक बड़ी राशि शहीदों के लिए काम करने वाली संस्था को सौंपे तो निश्चित ही उस युवा के मन में देश व शहीदों के परिवारों के लिए कितनी श्रद्धा होगी यह उस युवा के इस निर्णय को देखकर समझा जा सकता है। संभवत: देश में ऐसा पहला मामला होगा जब किसी युवा ने अपनी शादी में शहीद परिवारों के लिए एक बड़ी राशि दी है। युवा की इस अनूठी पहल से पूरा क्षेत्र गौरवांवित है और उसके इस निर्णय की हर जगह प्रशंसा की जा रही है। सोमवार को क्षेत्र के ग्राम डिमावर निवासी कमलेश यादव का नगर के सुदामा पैलेस से विवाह था। उन्होंने अपने परिवारजनों की सहमति पर एक नयी परंपरा की शुरूआत करते हुए शहीदों व उनके परिवार के लिए काम करने वाले समरसता मिशन को 1 लाख 11 हजार 111 रूपये की राशि का चैक भेंट किया। कमलेश यादव ने बताया कि वह वर्ष 2007 से शहीद समरसता मिशन से जुडे है और मिशन के संस्थापक राष्ट्रीय संयोजक मोहन नारायण की प्रेरणा से उन्होंने यह राशि शहीद परिवारों के लिए भेंट की है। कमलेश के मुताबिक आज हम देश में विभिन्न समारोह, त्यौहार, खुशियां यदि मना पा रहे है तो वह सरहद पर खड़े हमारे सैनिक भाईयों की बदौलत है। वह दिन रात अपनी जान हथेली पर रखकर हमारे प्राणों की रक्षा कर रहे है। उनके शौर्य व वीर परिवार के त्याग के सम्मान के लिए देश के युवाओं को आगे आना होगा। आज उन परिवारों के बेटे-बेटियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मैने यह राशि अपने सामथ्र्य के अनुसार भेंट की है। उन्होंने देश के युवाओं से भी अपील की है कि वह भी शहीद परिवारों के सम्मान में आगे आकर मिशन के विचारों से जुड़े और शहीद सेवामें अपना योगदान दे। कमलेश ने बताया कि वह दहेज के खिलाफ है और अपनी शादी में भी उन्होंने एक सामान्य तौर पर सामाजिक बंधुओं की मौजूदगी में की है। कारगिल युद्ध शहीद राजेन्द्र कुमार यादव की धर्मपत्नि वीरांगना प्रतिभा यादव ने इस संबंध में बताया कि कमलेश के द्वारा सैनिक परिवारों के सम्मान एक नयी शुरूआत की है। निश्चित ही इससे अन्य युवा भी प्रेरित होंगे और शहीदों के सम्मान में आगे बड़ेंगे।

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