अनोखा तीर, हरदा। कृषि उपज मंडी हरदा गत वर्ष से सफेद चने अर्थात डालर एवं काटू चना की मण्डी में स्थापित होती जा रही है। छोटी सी शुरूआत अब बड़ा आकार लेती जा रही है। मंडी सचिव संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि हरदा जिले में काटू चना एवं डालर चना बहुतायात में बोया जा रहा है तथा प्रतिवर्ष इसका रकबा बढ़ता जा रहा है, किन्तु हरदा जिले में इसका व्यापार न होने पर कृषक द्वारा इन्हें बेचने हेतु इंदौर, देवास, आष्टा आदि मंडियों में जाना पड़ता था, जिससे समय, धन व श्रम अधिक लगता था। इसके निराकरण हेतु गत वर्ष से ही मंडी प्रशासन द्वारा व्यापारियों को डालर व काटू चना क्रय करने के लिए प्रेरित किया गया तथा इस संबंध में आवश्यक सुविधायें देने का आश्वासन भी दिया गया साथ ही इनके अग्रणी बाजारों से भी संपर्क स्थापित कराया गया। मण्डी सचिव श्री श्रीवास्तव ने बताया कि मण्डी प्रांगण में उद्घोषणा तथा व्यक्तिगत चर्चा कर कृषकों को भी इस चने को मण्डी हरदा में बेचने की अपील निरंतर की गई। इसके फलस्वरूप मण्डी में गतवर्ष काक टू चने की आवक की शुरूआत हुई तथा गत वर्ष कुल 4931 क्विंटल काक टू चना मंडी प्रांगण में विक्रय हुआ। इसकी तुलना में इस वर्ष 13 अप्रैल तक 44167 क्विंटल काटू चना प्रांगण में विक्रय हुआ है। इस प्रकार कृषक हित में एक छोटी सी शुरूआत इस वर्ष वृहद रूप ले रही है। मंडी सचिव श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष से डालर चना भी मण्डी में विक्रय हेतु आ रहा है। गत वर्ष जहां कुल 120 क्विंटल डालर चना मंडी प्रांगण में विक्रय के लिए आया था, वहीं इस वर्ष 1316 क्विंटल डालर चना 13 अप्रैल तक मंडी में विक्रय के लिए आ चुका है तथा यह आवक निरंतर बढ़ती जा रही है। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष किसानों को मंडी में काटू चने के दाम 7500 रूपये से 8200 रूपये एवं डालर चने के भाव 9500 रूपये से 10800 रूपये तक प्राप्त हो रहे है, मंडी सचिव श्री श्रीवास्तव ने किसानों से पुन: अपील की है कि वे अपनी कृषि उपज मंडी प्रांगण में ही विक्रय करें। गांवों से बिना किसी वैधानिक अभिलेख के कृषि उपज का विक्रय न करें, ताकि आपकी कृषि उपज की राशि प्राप्त होने में धोखाधड़ी की कोई संभावना नही रहे।