योगगुरु बैरागी रोजाना दौड़ रहे 50 किमी, देवास में आरोग्य केन्द्र की कामना
देवास। भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ समय खुद के लिए निकालना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में शरीर के स्वास्थ्य पर ध्यान देना ही लोगों ने छोड़ दिया है। लगातार पनप रही नई-नई बीमारियों का एक कारण यह भी है कि लोगों ने शरीर पर ध्यान देना बंद कर दिया। देवास के योगगुरु राजेश बैरागी देश के युवाओं को योग का संदेश देने एवं देवास में आरोग्य केन्द्र बनाने की कामना के लिए दौैडक़र अयोध्या पहुंच रहे हैं। उनकी दौड़ हर वर्ग के लोगों के लिए है, जिसके माध्यम से वे योग की ओर ध्यान आकर्षित करवा रहे हैं।
रोजाना दौड़ रहे 50 किमीयोग गुरु श्री बैरागी द्वारा 8 मार्च को दौड़ प्रारंभ की थी, जो कि अयोध्या में ही समाप्त होगी। वे रोजाना 50 किमी दौड़ रहे हैं, जहां भी वे रुकते हैं योग एवं प्रवचन का आयोजन होता है। उनका कहना है कि इस दौड़ के माध्यम से युवाओं और समस्त विश्व को यह बताना है कि योग केवल रोगों से मुक्ति और रोगों को दूर करने तक सीमित नहीं है, योग से अंतहीन सामर्थ्य प्राप्त होता है। योग क्रियाओं का प्रतिदिन अभ्यास करने से मनुष्य कोई भी असंभव कार्य कर सकता है। युवाओं को आज अपने कैरियर निर्माण के लिए पहली प्राथमिकता दौड़ ही होती है, वह चाहे पुलिस भर्ती हो या सेना भर्ती पहले दौड़ ही आवश्यक होती है। उन्होंने बताया कि योग करने वाला आसानी से 50 किमी रोजाना दौड़ सकता है।
योगगुरु बैरागी ने बताया कि वे शहर में योग प्रशिक्षण देेने के लिए दिव्य योग संस्थान का संचालन करते हैं। उनके यहां शहर के कई लोग प्रतिदिन योग करने के लिए पहुंचते हैं। वे देवास में आरोग्य केन्द्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि देवास का नाम योग के लिए ऊंचाई तक पहुंच सके। गत दिवस छिंद वाले बाबा के दर्शन के लिए गए थे। वहीं से यह प्रेरणा मिली कि आरोग्य केन्द्र का कार्य रामजी कराएंगे। इसकी कामना के लिए देवास से अयोध्या तक दौडक़र जाने और रामलला के दर्शन करने का विचार किया था।
श्री बैरागी ने पहले दिन खेड़ापति दर्शन के बाद दौड़ प्रारंभ की थी। फिर उन्होंने राजदीप गार्डन से सोनकच्छ तक सोनकच्छ से आष्टा, आष्टा से कुबरेश्वर और यह दौड़ अब कई पड़ावों को पार करते हुए निरंतर अयोध्या की दूरी पाटती जा रही है।
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