अंधेकत्ल से उठा पर्दा….
– महज 7 दिन में हत्या की गुत्थी को सुलझाया
– एसपी ने साझा किए कार्यवाही के मुख्य बिन्दू
अनोखा तीर, हरदा। करीबन एक सप्ताह पहले यानि २३ फरवरी को नया बस स्टैंड के पास एक युवक की लाश मिलने की खबर के बाद सनसनी फैल गई थी। मृतक बसों में पोछा तथा झाड़ा-बुहारी यहां तक की मांगकर अपना भरण पोषण करता था। यही वजह है कि उसकी मौत की गुत्थी हर एक के लिये अनसुलझी पहेली से कम नही थी। साथ ही ये बात जहन में रौंधती रही कि ऐसे व्यक्ति से आखिर किसकी और क्या दुश्मनी होगी ? हालांकि, मामले में सिटी कोतवाली पुलिस पहले ही दिन से जांच में जुट गई थी। वहीं पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल ने अपराध को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए। थाना प्रभारी सिटी कोतवाली अनिल राठौर ने एक टीम गठित कर घटना की बारिकी से पड़ताल करने का जिम्मा सौंपा। परिणाम स्वरूप पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर आखिर अपराधी तक पहुंचने में कामयाब हो गई। इस बीच पुलिस को मृतक बंटी उर्फ विजय काजवे की पीएम रिपोर्ट तथा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज हाथ लगी। जिससे पुलिस की शंकाओं को बल मिला। तत्पश्चात पुलिस टीम रीवा के लिये रवाना हुई। जहां चुरहट थानाक्षेत्र से आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस टीम अपने साथ हरदा लेकर आई। पुलिस ने बताया कि आरोपी पूर्व में होमगार्ड का सैनिक रह चुका है। पुलिस पुछताछ में आरोपी टूट गया और सबकुछ बताते हुए अपना जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंनें बताया कि आरोपी लक्ष्मीनारायण दुबे उम्र ६१ साल के विरूद्ध धारा ३०२ भादवि अंतर्गत कार्यवाही पूर्ण कर उसे शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया है।
शक के चलते सिर पर मारी थी लाठी
अंधेकत्ल की इस गुत्थी पर्दा उठाने के बाद पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल ने शुक्रवार को कंट्रोल रूम में प्रेसवार्ता आयोजित की। इस दौरान मीडिया के साथ वारदात से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल ने बताया कि पुछताछ में जो बात सामने आई है, उसके मुताबिक घटना दिनांक २२ फरवरी को आरोपी लक्ष्मीनारायण दुबे का सामान गुम हो गया था। जिसे बस स्टेंड पर तलाश कर रहा था। इसके कुछ देर बाद आरोपी को बस स्टैंड परिसर में खड़ी एक बस के पास मृतक बंटी काजवे घूमता हुआ दिखाई दिया। जिससे सामान के बारे में पुछताछ करते समय कहासुनी हो गई। ये सब घटनाक्रम काफी देर तक चलता रहा, जो आसपास लॉज तथा दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया था। वहां खड़ी एक बस का स्टॉप भी उनके बीच हो रही बहस को देख रहा था। इस दौरान आरोपी ये कहता सुनाई दिया कि इसी ने मेरा सामान उठाया है। इसके कुछ देर बाद दोनों की बहस मारपीट में तब्दील हो गई। आरोपी लक्ष्मीनारायण ने बंटी के पसली और सिर पर लाठी से वार कर दिया। जिससे बंटी अचेत हो गया। यह सब देख आरोपी वहां से भाग खड़ा हुआ, जो रीवा जिला स्थित अपने गांव पहुंच गया। पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल ने बताया कि बस स्टैंड पर बंटी काजवे की लाश पड़ी होने की बात सामने आते ही पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं मृतक के शव का पीएम कराया गया, वहीं मामले में मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ की। जांच दौरान एक दिन पहले की सारी कहानी सामने आ गई। साथ ही सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आधी से ज्यादा तस्वीर साफ हो गई थी। पुलिस ने बताया कि मृतक के सिर पर चोट लगने के बाद खून जम जाने के कारण उसकी जान चली गई।
आरोपी को रीवा से पकड़ा
इतना सबकुछ पता लगने के बाद पुलिस के पास केवल उसका हुलिया और माबाईल नंबर था। जिसकी लोकेशन खंगालने पर मालूम हुआ कि आरोपी रीवा जिले के चुरहट थानाक्षेत्र में मौजूद है। उसे पकडऩे के लिए पुलिस टीम को रीवा भेजा, वहीं इससे पहले रीवा एसपी को कार्यवाही के बारे में अवगत कराया। जिनके सहयोग से पुलिस टीम आरोपी को दबोचने में कामयाब हो गई।
इनका सराहनीय योगदान
पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार अग्रवाल के निर्देश तथा थाना प्रभारी सिटी कोतवाली अनिल राठौर के नेतृत्व में उपनिरीक्षक ओमप्रकाश यादव, संदीप पंवार, सहायक उप निरीक्षक संजय ठाकुर, प्रधान आरक्षक तुषार धनगर, प्रवीण रघुवंशी, करण साहू, जगदीश पांडव, आरक्षक शैलेन्द्र परमार, दीपक यादव, बूजेश बड़कुर और राकेश पटेल का वारदात से पर्दा उठाने में सराहनीय योगदान रहा।
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