पधारो सा म्हारा इंदौर

दैनिक अनोखा तीर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भारत भूमि के हृदय-स्थल के रूप में सुविख्यात मालवा प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आने वाले मेहमानों के लिए सज धजकर तैयार है। मालवा मेहमानों के मान, मनौव्वल, मनुहार और लजीज खान पान के साथ ही समृद्धि एवं सुख से भरपूर क्षेत्र माना जाता है। इस क्षेत्र को लेकर लेखकों ने किताबें तक लिख डाली है। इसी मालवा का मुकुट इन्दौर आज एक ओर इतिहास रचने व लिखने जा रहा है। जहां 70 देशों के 3 हजार से अधिक प्रवासी भारतीय एक जाजम पर एकत्र होने जा रहे हैं। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान स्वयं इस आयोजन की बागडोर थामें हुए इसे भव्य और एतिहासिक बनानें में जुटे हुए हैं। सारी व्यवस्थाओं की मानिर्टिग वह स्वयं कर रहे हैं जिससे कोई कोर कसर बाकी न रहे। आयोजन के एक दिन पहले ही शहर का पूरा स्वरूप बदला हुआ नजर आने लगा है।

मालवा को लेकर लोक जीवन में प्रचलित है कि देश मालवा गहन गंभीर, डग-डग रोटी पग-पग नीर’

जीवन की यही विशिष्टताएं मालवा के इतिहास, संस्कृति, साहित्य, कला आदि में प्रतिबिम्बित हुई हैं। सातवीं शती में जब व्हेनसांग भारत आया था तो वह मालवा के पर्यावरण और लोकजीवन से गहरे प्रभावित हुआ था। आज फिर अवसर आया है मालवा को अपनी अमीट छाप कायम करते हुए नया इतिहास रचने का। यह आयोजन ऐसे समय में होने जा रहा है जद जाड़ो अपणा पूरा साज-बाज के साथ आए हे, ऐसे में मालवी की ही यह चंद पंक्तियां याद आती है कि

झरी रियो हे मेघरो, कंई नगे नी आय।

ई दन बी आँधा हुआ, आँख्या री मिचाय।

कामला में कँपई री, कैसी ठंडी धूर, छोरा छोरी धूजर्या, या सतवंती हूर।

दन तो निकल्यो पण, दिखे नी उजालो हे,

धुँध लई ने आयो हाँ पीर्यो सियालो हे।

आँगणे बैठ्या बूढ़ा, तापे छोरा छोरी,

गोबर भर्यो टोपलों, लई ने चाली गोरी।

जिनगी बोझे मर री, मूँडे लग्यो तालो है,

धूँध लई न आयो रे हाँपीर्यों सियालो है।

मालवा की इस अनुठी लोक परंपराओं के साथ इंदौर शहर दुल्हन की तरह सज धजकर तैयार हो गया है। जहां 8 से 10 जनवरी तक होने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में करीब 70 देशों के 3 हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। वहीं 11 और 12 जनवरी को ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में दो सौ प्रमुख उद्योगपति शामिल होंगे। प्रवासी भारतीयों को इंदौर शहर की ऐतिहासिक धरोहरों और प्रमुख बाजारों के साथ ही खाने पीने के लिए मशहूर सराफा बाजार और छप्पन दुकान चाट-चौपाटी पर घुमाने के लिए हेरिटेज वाक का आयोजन भी किया गया है। यही वजह है शहर के चार प्रमुख स्थानों को नो व्हीकल जोन बनाया गया है। इनमें खजराना गणेश मंदिर, राजवाड़ा, सराफा बाजार और 56 दुकान बाजार शामिल हैं। यहां वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।

इस 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए इंदौर शहर सज-धजकर तैयार है‌। शहर के प्रमुख चौराहों को विशेष तौर पर सजाया गया है। एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल तक कलाकृतियों के साथ ही दीवारों को कैनवास बना दिया गया है। उन पर खूबसूरत पेटिंग की गई हैं। इससे सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों के सामने इंदौर न केवल स्वच्छ बल्कि सुंदर भी दिखाई देगा। सुरक्षा को लेकर भी खास सतर्कता बरती जा रही है। करीब 10 हजार जवान चप्पे चप्पे पर तैनात किए जा रहे हैं। आठ जनवरी को यूथ प्रवासी दिवस से आयोजन की शुरुआत होगी। 9 जनवरी को प्रधनामंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी, गुयाना के राष्ट्रपति डा. मोहम्मद इरफान अली भी पहुंचेंगे। 10 जनवरी को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु आयोजन में शामिल होंगी जो प्रवासी भारतीय सम्मान भी प्रदान करेंगी।

8 जनवरी को सुबह साढ़े नौ बजे से यूथ प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम के साथ ब्रिलियंट कंवेंशन सेंटर में तीन दिवसीय आयोजन शुरू होगा। विदेश मंत्रालय के सचिव औसाफ सैयद स्वागत भाषण देंगे। केंद्रीय युवा और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर अपने उद्बोधन के साथ आयोजन की शुरुआत करेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान मेहमानों के स्वागत के साथ मप्र की भूमिका बताएंगे। आस्ट्रेलिया की सांसद जेनेटा मेस्क्रेंहेंस के उद्बोधन के साथ ही इसी दिन मुख्य समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर का उद्बोधन भी होगा।

 

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