कॉलोनी में बनी पेयजल टंकी बनी शोपीस, मुख्य द्वार पर नहीं है सुरक्षाकर्मी
प्रदीप साहू खातेगांव। खातेगांव नगर में पिछले कुछ वर्षों से कालोनियों की बाढ़ सी आई हुई है खातेगांव नगर व आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में जमीन खरीद कर उन पर कॉलोनी काटी जा रही है और मनमाने दाम में नागरिक एवं ग्रामीणों को प्लॉट बेचे जा रहे हैं । मूलभूत सुविधाओं की एक लंबी श्रृंखला कॉलोनी वाले अपने प्रचार प्रसार के दौरान बताते हैं और जब प्लाट बिकने के बाद कॉलोनी में विकास की बात आती है तो सब कुछ अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा रहता है । खातेगांव नगर के अनेक कालोनियों में निवास करने वाले नागरिक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं ऐसा ही एक मामला खातेगांव नगर की आदर्श विहार कॉलोनी का खातेगांव एसडीएम कार्यालय पहुंचा । खातेगांव नगरी सीमा की अजनास रोड स्थित आदर्श विहार कॉलोनी में अव्यवस्था अराजकता एवं मूलभूत सुविधाओं के संकट से जूझ रहे कॉलोनी वासियों ने खातेगांव एसडीएम को ज्ञापन सौंपा । कॉलोनी के बड़ी संख्या में निवासी एसडीएम कार्यालय पहुंचे जहां कॉलोनी के सर्व श्री सेवानिवृत्त शिक्षक उमेश दुबे ने ज्ञापन का वाचन किया कॉलोनी के सभी नागरिकों की उपस्थिति में उनके साथ एसडीएम त्रिलोचन गौड़ को ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि रात्रि के समय कॉलोनी में पूर्ण रूप से अंधेरा छाया रहता है ,अंधेरे के कारण बारिश के इन दिनों में जहरीले जानवर का भय व्याप्त रहता है कॉलोनी के द्वार पर भी अंधकार बना हुआ है जहां लाइट की व्यवस्था नहीं है। मुख्य द्वार के लिए कोई सुरक्षाकर्मी भी मौजूद नहीं है ,सुरक्षाकर्मी की उपस्थिति नहीं होने से कॉलोनी में चोरी का डर नागरिकों को सताता है ,पूर्व में शिक्षक शरद शर्मा के निवास पर चोरों ने हाथ साफ कर गए थे। कॉलोनी में बेसहारा पशु, कुत्ते, सूअर आदि की निरंतर आवाजाही से गंदगी गोबर, मूत्र आदि के कारण दुर्गंध और बरसात के इस मौसम में गंभीर रोग जन्म लेने वाली बीमारियां की संभावना बढ़ रही है। मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत कॉलोनी में पेयजल व्यवस्था पूर्णता ध्वस्त है। कॉलोनी में निर्मित पानी की टंकी का उपयोग जल व्यवस्था हेतु नहीं किया जा रहा है जिसके कारण जल वितरण की व्यवस्था प्रभावित है । कॉलोनी में जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में मच्छर एवं जहरीले जानवरों का डेरा बना हुआ है इन दिनों मलेरिया आदि बुखार से ग्रस्त होने का अंदेशा कॉलोनी वासियों को बना है चारों तरफ घास खरपतवार आदि से भी जहरीले जानवर की संभावना ज्यादा रहती है।
कॉलोनी में नहीं है कोई पूजा स्थल मंदिर
कॉलोनी में देव मंदिर निर्माण की कोई पृष्ठभूमि तैयार नहीं की गई मंदिर निर्माण से सुबह शाम आरती प्रार्थना आराधना के माध्यम से कॉलोनी में सद्भाव संगठन व समभाव के बीजारोपण होने की पूर्ण संभावना बनी रहती है । कॉलोनी नाइजररोका इस कॉलोनी के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं है कानूनी नियम अनुसार कुल नियम आधारित विकास का कोई भी पहलू यहां दिखाई नहीं देता नाम मात्र का विकास कॉलोनी में है । कॉलोनी वासियों को उनके सहारे छोड़ दिया गया जिन्होंने अपने मूल घर गांव छोड़कर अपने खून पसीने की कमाई से यहां कॉलोनी में प्लॉट्स लेकर मकान निर्मित किए सोचा था इस कॉलोनी में पूर्ण समग्र सुविधा मिलेगी परंतु समस्त सुविधा कारक सुख केवल कल्पना में ही रमण करते हैं अतः कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं के लिए राजाराम कावले, धर्मेंद्र मौर्य, महेंद्र सिंह, शरद शर्मा, राजेश व्यास, शानंद जोशी, राजेश राजपूत, दिनेश गुर्जर , गोविंद तवर, कैलाश शर्मा, सतीश व्यास कालोनीवासियों को एसडीएम की शरण में आना पड़ा।
जिला मुख्यालय से दूरी अधिक होने का उठाते हैं कॉलोनी नाइजर फायदा
खातेगांव नगर एवं आसपास कालोनियों में मूलभूत सुविधा के लिए नागरिक तरसते हैं मनमाने दाम पर प्लाट बेचने के बाद कॉलोनियों की ओर कोई ध्यान नहीं देते कई बार कॉलोनी के रहवासी शासन प्रशासन को ज्ञापन देते हैं लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं होने के कारण कॉलोनी नाइजर बेफिक्र रहते हैं इसका मुख्य कारण यह है कि जिला मुख्यालय से खातेगांव की दूरी अधिक होने के कारण जिले के आला अधिकारी भी इस और कोई ध्यान नहीं दे पाते। खातेगांव क्षेत्र की अनेक जटिल समस्याएं जिला मुख्यालय से अधिक दूरी के कारण आज भी जस की तस बनी हुई है उन्हीं में से एक कालोनियों की समस्या।