Nelson Mandela International Day | नेल्सन मंडेला के जन्मदिन पर जानें उनके अनमोल विचार

नेल्सन मंडेला नेल्सन मंडेला का जन्म 1928 में पूर्वी केप में हुआ था। उन्होंने 1994 में नोबेल पुरस्कार जीता। साथ ही वह समानता, न्याय और लोकतंत्र के भी प्रतीक थे।

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1928 में पूर्वी केप में हुआ था। उन्होंने 1994 में नोबेल पुरस्कार जीता। साथ ही वह समानता, न्याय और लोकतंत्र के भी प्रतीक थे।

नई दिल्ली: आज दुनिया के एक महान व्यक्तित्व नेल्सन मंडेला का जन्मदिन है। आपको बता दें कि उनका जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के बासा नदी के किनारे ट्रांस्की के मवेंजो गांव में हुआ। वे एक पॉलिटिक्स और सोशल एक्टिविस्ट थे। ये इतने आदर्श व्यक्तित्व है कि उन्होने 250 से भी ज़्यादा अवॉर्ड्स जीते है  उनमें से एक 1993 Nobel Peace Prize यह प्रमुख पुरस्कार है। नेल्सन मंडेला बहुत हद तक महात्मा गांधी की तरह अहिंसक मार्ग के समर्थक थे। 

कहा जाट है कि गांधी  और मंडेला के विचार मिलते जुलते थे। उन्होंने गांधी को प्रेरणा स्रोत माना था और उनसे अहिंसा का पाठ सीखा था। नवम्बर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन (18 जुलाई) को ‘मंडेला दिवस’ घोषित किया। आज 18 जुलाई उनके जन्मदिन पर हम आपको उनके कुछ अनमोल विचार बताते है। जिनका आपके जीवन में विकास करने के लिए महत्वपूर्ण योगदान होगा। आइए जानते है उनके अमूल्य विचार.. 

  • एक अच्छे दिमाग और एक अच्छे दिल का हमेशा एक दुर्जेय संयोजन रहा है।
  • जब तक कोई काम पूरा न हो जाय वह हमेशा असंभव सा लगता है।
  • जीवन की सबसे बड़ी महिमा कभी नहीं गिरने में निहित नहीं है, बल्कि हर बार गिर कर हमारे उठने में है।
  • हम बुद्धिमानी से समय का उपयोग करें और हमेशा पता होना चाहिए कि समय हमेशा सही काम करने के लिए तैयार है।
  •  एक महान पहाड़ी चढ़ने के बाद, कोई भी केवल यही पायेगा कि चढ़ने के लिये कई और पहाड़ियां हैं।
  • कोई भी देश वास्तव में तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक उसके नागरिक शिक्षित नहीं हो जाते।
  • शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जसे आप दुनिया को बदलने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
  • साहसी लोग शांति की खातिर, क्षमा करने से घबराते नहीं है।
  • पैसे से सफलता हासिल नहीं होगी, यह स्वतंत्रता से हासिल होगी।
  • एक अच्छा नेता स्पष्ट रूप से और अच्छी तरह से एक बहस में शामिल होता है, क्योकि वो जनता है कि अंत में वह और दूसरा पक्ष करीब होंगे, और इस तरह मजबूती से उभरता हैं. आपको ऐसा विचार नहीं आएगा जब तक आप अभिमानी, सतही, और बेख़बर हैं।

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