गांव में सामुदायिक भवन न होने से खेत खलिहानों में करना पड़ता है कार्यक्रम

पूर्व मंत्री कमल पटेल ने की थी गांवों में डोम बनाने की घोषणा
अनोखा तीर, मसनगांव। ग्रामीण क्षेत्रों में मांगलिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए सामुदायिक भवन न होने से ग्रामीणों को खेत खलियानों में टेंट लगाकर कार्यक्रम करना पड़ता है। कुछ गांव में सामुदायिक भवन की सुविधा होने से ग्रामीणों को कार्यक्रम के आयोजन करने में आसानी हो रही है। पर जिले के अधिकांश गांव ऐसे हैं, जिनमें सामुदायिक भवन नही बने, जिससे ग्रामीणों को मांगलिक कार्यक्रम, पगड़ी, 13वीं आदि के आयोजन करने में  परेशानी आ रही है। ग्राम में भी आबादी के हिसाब से यह सुविधा न होने के कारण खलिहान तथा खेतों में टेंट लगाकर कार्यक्रम करना पड़ता है।
डोम बनाने की थी योजना पर नहीं हुआ अमल
प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री के पद पर रहे क्षेत्रीय विधायक कमल पटेल के द्वारा प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक भवन की जगह सांस्कृतिक एवं मांगलिक कार्यक्रमों के लिए डोम तैयार करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इस योजना पर अमल नही हो सका। जिससे गांव में मिलने वाली सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल सका, पर बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा 1037 गांव में ढाई सौ करोड़ की लागत से सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। जिसमें एक की लागत 15 से 47 लाख रुपए तक रखी गई है। जिसे पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है।  पंचायतों में इस योजना से जहां ग्रामीणों को फायदा मिलेगा। वहीं पंचायत भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी। क्योंकि अभी तक पंचायत में सामुदायिक भवनों की सुविधा न होने से ग्रामीण खेत खलियानों में कार्यक्रमो का आयोजन कर लेते हैं, जिससे पंचायत में कोई आय नहीं होती। यदि पंचायत में यह सुविधा मिलती है तो जहां पंचायत के आमदनी बढ़ेगी, वहीं ग्रामीणों को भी कार्यक्रम करने में सुविधा मिल सकेगी। क्षेत्र के ग्रामीणों ने सभी पंचायत में सामुदायिक भवन बनाने की मांग की है।

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