प्रधानमंत्री के चीता ड्रीम प्रोजेक्ट में चूक

 

क्षत-विक्षत शव मिलने से प्रोजेक्ट पर लगा दाग

गणेश पांडे, भोपाल। दक्षिण अफ्रीका से लाकर भारत से लुप्त हुए चीतों के पुर्नविस्थापन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर चार दिन पहले मादा चीता निर्वा ने जिन दो शावकों को जन्म दिया था उनके शव क्षत-विक्षत मिलने से पीएम के इस प्रोजेक्ट पर दाग लग गया है। चीते ने कितने बच्चों को जन्म दिया, इसको लेकर गफलत बनी रही और फिर जब क्षत-विक्षत शव मिले तो उसके लिए अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं की जा सकी है।

कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर दो साल पूर्व 17 सितंबर 2022 को चीता प्रोजेक्ट को लांच किया गया था और दक्षिण अफ्रीका से आठ चीतों को लेकर बाड़ों में रखा गया था लेकिन दो साल में ही इस प्रोजेक्ट पर दाग पर दाग लगते जा रहे हैं। पहले चीतों की मौतों के बाद अब सात दिन पहले एक मादा चीता निर्वा ने शावकों को जन्म दिया था लेकिन कितने शावकों का जन्म हुआ, यह सवाल निर्वा के शावकों को जन्म देने पर जवाब दिया गया था कि चार शावकों का जन्म हुआ है। मगर जब इन शावकों की मौत हुई और केवल दो शावकों के मृत शरीर मिले तो यह कहा गया कि दो ही शावकों का जन्म हुआ था।

निर्वा ने 22 नवंबर को शावकों को जन्म दिया था लेकिन तीन दिन बाद इन शावकों के शव क्षत-विक्षत हालत में मिलने की घटना सामने आई। शावकों की मौत कैसे हुई और उनके शवों की क्षत-विक्षत हालत कैसे बनी, यह सवाल वन विभाग के जिम्मेदारों में चर्चा का विषय है। यह सवाल उठ रहा है कि क्या बाड़े में कोई और वन्य प्राणी पहुंचा या पहुंचे थे या फिर उनकी मां ने ही अपने शावकों को मौत के घाट उतार दिया..? मौत के चार दिन बाद भी वन विभाग की ओर से अधिकृत जवाब नहीं आया है। सबसे बड़ा सवाल लिया है कि प्रधानमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट में इतनी बड़ी लापरवाही के लिए कौन अफसर जवाबदेह है।

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में चीतों के वंश वृद्धि की कड़ी में 22 नवंबर को चीता निर्वा ने शावकों को जन्म दिया था। जन्म के तीन दिन बाद यानी 25 को दोनों शावकों की मौत हो गई। डीएफओ कूनो के अधिकृत प्रेस नोट में दोनों मृत शावकों के शव को क्षति-विक्षिप्त बताया। अर्थात शावकों की मौत किन जानवरों के हमले से हुई? इस सवाल का उत्तर खोजा जा रहा है। हालांकि सीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने यह आशंका व्यक्त की है कि निर्वा पहली बार मां बनी है, इसलिए वही हमला कर सकती है। बिल्ली प्रजाति के एनिमल का स्वभाव भी ऐसा होता है। कूनो नेशनल पार्क प्रबंधन पर पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में 24 घंटे की मॉनिटरिंग की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। सभी चीता को कॉलर आईडी से मीनीटरिंग हो रही है तो फिर निर्वा के मूवमेंट पर नजर क्यों नहीं रखी गई..? यदि निर्वाह पर नजर रखी जाती तो उसके हमले से शावकों को बचाया जा सकता था।

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