इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना को मिला विशेष दर्जा, वर्ष 2028-29 तक पूरी होगीलोकसभा सांसद गजेंद्रसिंह पटेल

खरगोन/बड़वानी: इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना को केंद्र सरकार ने विशेष दर्जा प्रदान किया है, जिससे इससे जुड़े सभी कार्य प्राथमिकता के साथ पूरे किए जाएंगे। इस परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसके लिए खरगोन, बड़वानी, धार जिलों के राजस्व अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। खरगोन-बड़वानी लोकसभा सांसद और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री गजेंद्रसिंह पटेल ने बताया कि केंद्र सरकार ने रेल अधिनियम 1989 की धारा के तहत अधिसूचना का राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है। इसे विशेष परियोजना के तहत शामिल किया गया है, जिससे भूमि अधिग्रहण और अन्य कार्य तेजी से पूरे हो सकेंगे। इस परियोजना के तहत सेंधवा, राजपुर, ठीकरी, कसरावद और महेश्वर तहसीलों के कई गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें सेंधवा के सोलवन, मालवन, भामन्या, बाबदड़, अंजन, नवलपुरा, बनिहार, गोई, कलालदा, जामली, राजपुर तहसील के सालीकला, नादेड़, मातमुर, ओझर, बालसमुद, सागवी, नीम देवा, जुलवानिया, निहाली, छोटी खरगोन, वासवी, मुंडला, कुसमारी, रेलवा, बंजारा, खजुरी, ठीकरी तहसील के वाडीघाटी, हसनखेड़ी, सिकंदरखेड़ी, सेगवाल, उमरदा, जरवाह, कसरावद तहसील के जरोली, औरंगपुरा, नगांवा, कोठड़ा, ज्ञानपुरा और महेश्वर तहसील के मोहिदा, मक्सी, भेदल्याबड़ा, कुसुम्बिया, नीमगढ़ शामिल हैं। कसरावद तहसील के गांव राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 3 (आगरा-मुंबई) के पश्चिम में और महेश्वर तहसील के गांव इसके पूर्व में स्थित हैं। पर्यटन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण महेश्वर से यह रेलमार्ग लगभग 13 किमी दूर रहेगा।
इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना 309.43 किमी लंबी होगी और इसके लिए केंद्र सरकार ने ₹18,036 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। इस परियोजना के तहत 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे और घाट सेक्शन में सुरंगों के साथ 300 से अधिक छोटे-बड़े ब्रिज भी बनाए जाएंगे। यह परियोजना मध्य प्रदेश के इंदौर, धार, बड़वानी और खरगोन जिलों के साथ महाराष्ट्र के धुले और नासिक जिलों को जोड़ेगी। इस रेल मार्ग से लगभग 1,000 गांव और 30 लाख से अधिक की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा।सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने बताया कि इस परियोजना की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पहले ही तैयार हो चुकी है और मनमाड़ से धुले के बीच 60 किमी के हिस्से में काम शुरू हो गया है। यह परियोजना वर्ष 2028-29 तक पूरी की जानी प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मनमाड़-इंदौर रेलवे संघर्ष समिति, क्षेत्र के सभी सहयोगी जनप्रतिनिधियों और देवतुल्य जनता के संयुक्त प्रयासों से संभव हो पाई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह परियोजना निमाड़, और खरगोन बड़वानी के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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